Friday, March 14, 2025
Homeकारोबारकैसा हो बजट-2025

कैसा हो बजट-2025

-डा. वरिंदर भाटिया-

जल्द ही बजट 2025 पेश किया जाएगा। देश के लोगों में बजट घोषणाओं को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। आम आदमी, व्यापार जगत, इंडस्ट्री और वृहत समाज को इससे बहुत उम्मीदें होती हैं। देश की आजादी के साथ 26 नवंबर, 1947 को भारत के पहले वित्त मंत्री आरके शानमुखम चेट्टी द्वारा शुरू किया गया यह सफर निर्बाध तरीके से निर्मला सीतारमण तक चला आ रहा है। यह केंद्रीय बजट एक अप्रैल से शुरू होकर अगले साल 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए देश की वित्तीय योजना को तय करेगा। सरकार 2025 के बजट में नया आयकर विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है। इसका मतलब है कि देश के 64 साल पुराने आयकर कानून में बदलाव हो सकता है। नए विधेयक का लक्ष्य मौजूदा कर नियमों को सरल बनाना, उन्हें समझना आसान बनाना और दस्तावेजों के आकार को लगभग 60 फीसदी तक कम करना है। जहां तक देश की आर्थिक स्थिति का सवाल है तो मौजूदा वित्त वर्ष के लिए पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक, जीडीपी ग्रोथ 6.4 फीसदी पर आती दिख रही है। इसको और गति चाहिए। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उत्पादन 5.3 फीसदी ही बढ़ेगा, जो पिछले वित्त वर्ष में 9.9 फीसदी बढ़ा था। सर्विसेज सेक्टर की ग्रोथ 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है, जो सालभर पहले 6.4 फीसदी थी। फाइनैंशल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सेगमेंट की ग्रोथ 8.4 फीसदी के मुकाबले 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है। पहला सुझाव है कि बजट 2025 में सैलरी क्लास को राहत देने के लिए यूनियन बजट में स्टैंडर्ड कटौती बढ़ाने का ऐलान किया जाना बेहतर होगा। वर्ष 2024-25 के यूनियन बजट में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स की नई रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने का ऐलान किया था।

लंबे समय से मिडिल क्लास इनकम टैक्स में छूट का दायरा बढऩे की उम्मीद कर रहा है। बजट 2025 में मिडिल क्लास की यह उम्मीद सरकार पूरी कर सकती है। सुझाव है कि इस बार किसान सम्मान निधि की रकम बढ़ा देनी चाहिए। बजट 2024 में इसका अनुमान लगाया गया था। 2019 में पहली बार पीएम किसान सम्मान निधि का ऐलान किया गया था। उसके बाद से इसकी रकम नहीं बढ़ाई गई है। फिलहाल इस स्कीम के तहत किसानों को हर साल 6000 रुपए मिलते हैं। सरकार 2000-2000 रुपए की तीन किस्तों में यह पैसा सीधे किसानों के अकाउंट में ट्रांसफर करती है। इससे किसान राहत महसूस करेंगे। काफी लोग आशा करते हैं कि सरकार को बजट 2025 में मिडिल क्लास के लिए टैक्स छूट बढ़ा देनी चाहिए। सरकार ने सबसे पहले 2022 में इनकम टैक्स की नई रिजीम का ऐलान किया था। उसके बाद से लगातार ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर्स नए टैक्स रिजीम को चुनें। इसी तरह से सरकार ने कैपिटल गेंस टैक्स के नियमों में बजट 2024 में बदलाव किया था। इसे और आसान बनाए जाने की जरूरत है। सुपर रिच यानी अधिक अमीर लोगों पर 2 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। इस पैसे का इस्तेमाल सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट्स शुरू करने के लिए किया जा सकता है। बेहतर हो कि प्रवासी मजदूरों के लिए एक अलग वेलफेयर बोर्ड बनाया जाए। साथ ही ‘वन राशन वन नेशन’ स्कीम के तहत कंस्ट्रक्शन से जुड़े मजदूरों का भी राशन कार्ड बनाने की मांग की गई है। देश में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाएं महंगी होती जा रही हैं। बजट 2025 में इसको लेकर राहत की उम्मीद है। देखें और जांचें तो भारत का स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र रोजगार और राजस्व के मामले में सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक है। सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं पर लगने वाले इनपुट जीएसटी को कम करना चाहिए। इसके साथ ही, बीमा कंपनियों की क्लेम प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है। विदित हो कि सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में वृद्धि और निजी क्षेत्र को सहयोग देने से लोगों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराया जा सकता है। खास तौर पर उन इलाकों में बुनियादी ढांचे को सुधारने की जरूरत है जहां स्वास्थ्य सेवाएं अभी तक पूरी तरह नहीं पहुंच पाई हैं।

बजट 2025 भारत की शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने और इसे विश्व स्तरीय बनाने के लिए एक सुनहरा अवसर है। डिजिटल शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण और कौशल विकास पर जोर देकर सरकार युवाओं को एक मजबूत और कुशल कार्यबल में बदल सकती है। यह न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि भारत की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान देगा। 2025-26 के लिए पेश होने वाले सालाना आम बजट में देश के विद्यार्थियों, शोधार्थियों, शिक्षकों और जुड़े कर्मचारियों की भी उम्मीदें बंधी हैं। हालांकि, सरकार ने शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के लिए पिछले सालों में लगातार बजट बढ़ाया है। 2024 में इस क्षेत्र को 1.48 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए, जिसमें से सबसे अधिक 73498 करोड़ रुपए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को दिए गए। इसके बावजूद, बजट में शिक्षा क्षेत्र को जीडीपी का केवल 4 फीसदी रकम ही आवंटित की जाती है, जबकि अमेरिका, कनाडा, जापान और जर्मनी जैसे विकसित देश 4.8 से 5.5 फीसदी तक खर्च करते हैं। इसमें वृद्धि वांछित है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए बजट आवंटन में वृद्धि हुई है। हालांकि, उभरते हुए रोजगार क्षेत्र और डिजिटल युग की मांगों को पूरा करने के लिए आवंटन को और बढ़ाने की आवश्यकता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रावधान न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के लिए भी आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। बजट 2025 को एनईपी 2020 के लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए निवेश बढ़ाना जरूरी है। विशेष रूप से डिजिटल शिक्षा और कौशल विकास में निवेश से भारत के शैक्षिक परिदृश्य को आधुनिक बनाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल तकनीक और संसाधनों में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की डिजिटल खाई को कम किया जा सकता है। शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत करना आवश्यक है। इसके लिए शिक्षा के लिए फंड्ज की उपलब्धता में एक बड़ी वृद्धि दरकार है।

इस बार के बजट में ग्रामीण इलाकों से जुड़ी योजनाओं का आवंटन बढ़ाना चाहिए। इसमें कल्याणकारी योजनाओं से लेकर अन्य योजनाएं शामिल हों। ग्रामीण भारत विकास गाथा का अभिन्न अंग है, क्योंकि हमारी कामकाजी उम्र की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इसी इलाके में है। देश की 64 फीसदी आबादी गांवों में रहती है और अर्थव्यवस्था में इसका लगभग आधा योगदान है। पिछले दशक में सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार के लिए कई निवेश किए गए हैं और इससे बहुत लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लाया गया है। सामाजिक कल्याण में सुधार के लिए सभी निवेशों के बावजूद, रोजगार के लिए कृषि पर बहुत अधिक निर्भरता के कारण पिछले कुछ वर्षों में समग्र स्तर पर ग्रामीण आय में अच्छा प्रदर्शन नहीं हुआ है। इसी दिशा में बजट 2025 में आवंटन बढऩे से गांव के लोगों की आय में सुधार होगा और खर्च भी बढ़ेगा। लेकिन इसके साथ बचत बढ़ाने की भी जरूरत है। याद रहे कि, जैसे-जैसे ग्रामीण भारतीयों की आय में सुधार होगा, देश तेजी से आगे बढ़ेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमारे बारें में

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments