नई दिल्ली, 18 मार्च (वेब वार्ता)। कच्चे तेल की कीमत में पिछले कई दिनों से तेजी देखने को मिल रही है और यह 86 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर निकल गया है। वहीं, डब्लूटीआई क्रूड का रेट भी करीब 82 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है। कच्चे तेल में तेजी मुख्य वजह यूक्रेन की ओर से रूसी एनर्जी इन्फ्रा पर हमला करना माना जा रहा है। लेकिन जानकारों का मनना है कि यूक्रेन -रूस युद्ध के अलावा कई ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से कच्च तेल में तेजी आ रही है।
कच्चे तेल में तेजी के कारण
- इराक की ओर से आने वाले समय में बीते महीने के मुकाबले तेल के उत्पादन में एक लाख बैरल प्रति दिन की कोटौती का ऐलान किया गया है। कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की वजह ओपेक + देशों की ओर से निर्धारित किया गया कोटा है।
- रुस में युद्ध के कारण कच्चे तेल के उत्पादन में आ रही रुकवाट और ओपेक+ देशों की ओर से उत्पादन में लगातार कटौती होने के कारण कच्चे तेल में तेजी बनी हुई है। अमेरिकी निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि 2024 की तीसरी तिमाही तक कच्चे तेल का रेट 90 डॉलर प्रति बैरल हो सकता है।
- इस हफ्ते दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की मॉनेटरी पॉलिसी आने वाली है। मौजूदा समय में ब्याज दरें अपने उच्चतम स्तर पर बनी हुई है। महंगाई को देखते हो सकता है कि ब्याज दरों में मौजूदा स्तर पर बनाए रखा जाए। अगर अमेरिक के फेड की ओर से ब्याज दरों में कमी का कोई भी संकेत दिया जाता है तो इससे कच्चे तेल की मांग को सहारा मिलेगा और वर्तमान में अमेरिका कच्चे तेल का सबसे बड़ा कंज्यूमर है।