-संजय गोस्वामी-
आज कल अगसर देखने को मिल रहा स्त्री और पुरुष में रिश्ते बनने के बजाय बिगड़ रहे है हाल ही में इसके कई उदाहरण भी सामने आए हैं जैसे 9 दिसंबर की रात को 34 वर्षीय भारतीय व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। उसके शव के पास एक तख्ती लगी थी जिस पर लिखा था न्याय मिलना चाहिए। अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का विस्तृत सुसाइड नोट और 81 मिनट का एक वीडियो छोड़ा जिसमें उन्होंने अपनी शादी और तलाक की कार्यवाही में आई परेशानियों को जिम्मेदार ठहराया। उनके जीवन के बारे में परेशान करने वाले विवरण वाले पत्र और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए और लोगों में आक्रोश फैल गया। दक्षिणी शहर बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां और भाई पर लगातार उत्पीड़न और यातना देने का आरोप लगाया इसमें गलती किसकी है ऐ तो न्यायालय में होगा लेकिन जो दुनिया से चला गया वो बापस तो नहीं आएगा ऐ पत्नी को समझना चाहिए उसे कैसे ढाले मेरा हर एक लेख आपसी झगड़े के लिए नहीं बल्कि आपको सही सलाह देने के लिए होता है एक और केस अतुल सुभाष जैसा पुनः सुर्खियों में है दरअसलयूपी में एक बार फिर अतुल सुभाष जैसा मामला सामने आया है।कुछ दिन पहले मल्टीनेशनल कंपनी टीसीएस के एक मैनेजर ने पत्नी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले उसने एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला और उसमें रोते हुए अपना सारा दर्द बयां किया। टीसीएस मैनेजर मानव शर्मा ने आत्महत्या से पहले बनाई वीडियो में खुलासा किया कि वो पत्नी के उत्पीड़न से परेशान हैं और शादी से पहले पत्नी का किसी और से सम्बन्ध था और तलाक चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ इधर पत्नी का कहना है कि पहले दूसरे से प्रेम था लेकिब शादी के बाद नहीं सुसाइड के समय साथ ही उसने मांग की कि कानून पुरुषों को भी सुरक्षा दे। मानव शर्मा ने गले में फंदा लगाकर वीडियो बनाया और कहा कि उनके माता-पिता को कोई परेशान न करे।देखिये शादी बड़ा सोच समझ कर करिये ये जीवन का सौदा होने जा रहा सच्चाई शादी से पहले बताना चाहिए क़ोई जरुरी नहीं है कि रिश्ता बड़े घर में हो लेकिन ऐ जरुरी है कि विचारों में मतभेद ना हो ऐ आपस में मिसअंडरस्टैंडिंग के वजह से होता शादी एक ऐसा बंधन है जो जीवन भर साथ रहने को होता है अतः पारदर्शिता जरुरी है ऐ हो क्यों रहा है इसकी सबसे बड़ी आज का संगत, जैसी संगत वैसी रंगत भगवान राम के मंदिर या महाकुम्भ जाने से ऐ समस्या दूर नहीं होगी हमें हमेशा एक दूसरे की सहायता करने की जरुरत है आप कभी भी निराश होकर आप आत्महत्या का कदम मत उठाना नहीं तो ऐ शरीर जो परमात्मा का दिया है वैसे ही ख़ो बैठोगे पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है त्याग और संघर्ष में ही आप कुछ बनकर निकलते हो कभी अपना दुःख दूसरे को नहीं सुनाये काम पर ध्यान दें क्योंकि आज खुद ही आदमी इतना दुःखी है कि दूसरों का दुःख से क़ोई मतलब नहीं है नहीं यकीन है जैसे अंदरूनी कलह की वजह से पार्टी में टूट हुआ और नतीजा आपके सामने आया जब भी अपने घर के अंदर असंतोष होता है तो आपका ही परिवार बिखड़ जाता है नुकसान दूसरों का नहीं आपका होता है वैसे ही परिवार में रिश्ता होता है जिसमें बाहरी सफाई से ज्यादा जरुरी है अंदर की सफाई और ऐ समझदारी और शांति से विवेक से होगा मुझे माता पिताजी से शादी से पहले अच्छा लगाव था पिताजी ने शादी के लिए बात की लड़की के पिताजी आए बड़े अच्छे स्वाभाव के थे कुछ रूपए दिए और हुआ क्या मैं लड़की देखने नहीं जा रहा था बाद में मैं सोचा कि उनके पिता जी आए थे और आने का प्रस्ताव दिए है और दादाजी ने भी बताया कि ठीक से देख लेना नाक लम्बाई ठीक होना चाहिए इसलिए लड़की देखने चला गया वहाँ खुब खातिर हुई मेरे भाई ने सवाल पूछ दिया लेकिन मुझे मालूम था यह विज्ञान उसके बस का नहीं है किसी मुद्दे पर बात अटक गई क्योंकि मेरी भी बहने थी और उसकी शादी भी जरुरी थी लेकिन इन सब को देखते हुए इस हेतु मैंने बहुत कोशिश कर पिता जी को बताया उसमें एक गलती हो गई कि मैंने फोन न लें लिया उस समय मोबाइल नहीं था और एसटीडी का बिल खूब आता था लेकिब दिमाग़ कैसे उस जवानी में घुम गया पता ही नहीं चला, जब तक आप बेरोजगार रहते हैं तो आपको बहुत साधारण या गरीब लड़की मिल जाती है लेकिन जब क़ोई अच्छी नौकरी मिल जाती है तो लड़की वाले का आना जाना और बड़े घर से रिश्ते का ऑफर आता है आप गलती ऐ करते हैं आज की दुनिया में ब्यूटी पार्लर की सजावट और उसकी बातें सुनकर आप दिल दे देते हैं और इसमें परिवार की भी जिम्मेदारी क़ोई बिना राममचरित्र मानस को पढ़े और रामभक्त होने का ढोंग दिखाए तो उसको परखना आपका काम है गाँव की लड़कियां कम पढ़ी लिखी जरूर है माँ बाप गरीब होते हैं लेकिन उनमें अच्छे संस्कार पाए गए हैं जैसे पुरुष या तो मेहनत कर फसल उगाता और महिला उसकी मदद करती यदि पुरुष कमाने बाहर निकलता तो उसकी पत्नी सास ससुर की सेवा करती वहाँ उसका पति 4व्यक्ति के साथ में रहकर कैसे भी पैसा कमाता और 1-2महीने गाँव में पत्नी से मिलने चला जाता और पत्नी उसकी सेवा करते पायी गई है आप यदि खेल में रूचि रखते हैं फिल्मों में रूचि रखते हैं होटलो और क्लबो में रूचि रखते हैं तो यह जरुरी नहीं की पत्नी को भी उसमें रूचि हो ना रखते हैं और पत्नी रूचि रखती है तो मना करने से आपस में कलह बढ़ती है और किसी दूसरे के बहकावे में ना आए अपने विवेक से आगे बढ़े यदि दो कदम पाने के लिए 4कदम पीछे हटना पड़े तो रिश्ते में हट जाइए और अंदर के अहंकार को ख़त्म कर शांति से काम ले लड़ाई झगड़ा से समस्या और बढ़ती है अतः इससे दूर होकर मौन हो जाये दूसरे के बहकावे में कभी ना आएं ऐ आपका घर बर्बाद कर आपकी जिंदगी से ख़ुशी जो आप सही समझ रहें है वो नश्वर है ईश्वर सत्य है औऱ किसी जाति धर्म से नहीं बंधा है,छीन लेगा शांति और समझदारी से रिश्ते मजबूत होते हैं पति को या तो पत्नी को समझा कर मौका दे और पुराने बातों को ध्यान ना दें यदि आप बिसनेस करते हैं तो नौकरी वाले के चक्कर में नहीं पड़े अच्छा अध्यात्मिक ज्ञान है तो उसी विचार की पत्नी मिले तो अच्छा होगा यदि राइटर हैं तो उसकी पसंद भी यही हो तो अच्छा होगा नहीं तो शादी के बाद आपस में तकरार होगा ऐ बात लड़की और लड़के के माता पिता को भी समझनी चाहिए हर कुछ पैसा नहीं होता विचारों का मिलना भी जरुरी है या तो एक शांति से रहें और दूसरे के बातों पर ध्यान नहीं दें क्योंकि आज सती अनुसूईया नहीं मिलने वाली है अतः समझ जरुरी है आपके बच्चों के हित में उसे संस्कार दें कुछ गुण तो आपके आएंगे कुछ आपके हाव भाव से उसके भविष्य पर ध्यान दें जब पति किसी शोक में डूबा रहता है तो पत्नी को इसकी वजह जाननी चाहिए इन सबसे उसके शारीरिक सम्बन्ध बिगड़ जाता है जैसे काम का बोझ ऑफिस की चिंता, और कभी कभी पति के इंज्याटी के वजह से उसके प्रति क्रोध बढ़ जाता है और पत्नी धीरे धीरे अलग होने लगी और इससे घबराया पति और भी डिप्रेशन में आप हमेशा ध्यान रखें पति पत्नि का रिश्ता सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि एक दूसरे की भावना को समझने के लिए जिम्मेदारी और बच्चे को संस्कारी बनाने के लिए होता है मैं बहुत पहले एक पति पत्नी का सच्चा प्यार देखा है जब वो आँख से अंधा हो जाता है तो ऑफिस छोड़ने औऱ लेने जरूर आती अतः पति पत्नी को कभी एक दूसरे के प्रति बैर नहीं रखना चाहिए और भावना का क़द्र करना चाहिए यही तो सनातन धर्म में लिखा है भगवान श्री राम को ही बनवास मिला लेकिन वो माता सीता ही थे की उनके साथ जीवन जीने के लिए वन में भी चली गई धन्य है माता सीता औऱ भाई लखन चाहती तो अयोध्या में राज कर सकती थी लेकिन अपने प्रभु राम पर पूर्ण विश्वास था एक दिल से प्रेम होता है जो सामने दीखता नहीं लेकिन कुछ भावनाओं में दुःख के समय मालूम पड़ता है और यही बच्चे सीखते है जैसे श्रवण कुमार ने एक तरफ माता को रखा औऱ दूसरी तरफ पिता को लेकर चल पड़े चार धाम की यात्रा पर, पंडित श्री राम शर्मा आचार्य एक पुस्तक में लिखते हैँ कि नर नारी के अनुठे सम्बन्ध शिशु को जन्म देने के लिए होता है बाद में बच्चे को संस्कारवान बनाएं और अच्छी शिक्षा दें अतः पति पत्नी का सम्बन्ध सिर्फ शारीरिक सुख के लिए नहीं बल्कि अपने सभी परिवार को साथ लेकर चलना भी आवश्यक है इसमें हो सकता है कुछ त्याग भी करना पड़े तो आगे आना चाहिए सब को साथ लेकर चलना ही अच्छी पत्नी का संस्कार है प्रेमी-प्रेमिका, आप जहां भी हों, अपना ख्याल रखें, क्योंकि वैलेंटाइन डे जल्द ही आने वाला है। चाहे आप किसी रिश्ते में हों या किसी रिश्ते में रहना चाहते हों, कई सालों के शोध से पता चलता है कि 14 फरवरी टूटे दिलों और टूटे हुए बटुए का दिन हो सकता है।लेकिन वैलेंटाइन डे के दबाव से बचना मुश्किल है। साल के इस समय, टेलीविजन, रेडियो, मुद्रित प्रकाशन और इंटरनेट पर ऐसे विज्ञापन भरे पड़े हैं जो लोगों को आने वाले उत्सव की याद दिलाते हैं लेकिन क्या आपने सोचा ऐ भारतीय संस्कृति के खिलाफ है आप सही में किसी से प्यार करते हैँ तो क्या यह दिखावा है या हकीकत, दरअसल शादी को हल्के में ना लें जल्दबाजी ना करें इत्मीनान से सोचे कि विचारों से मेल खा रहा है या नहीं नहीं तो दूसरी की जिंदगी तो बर्बाद करेंगे ही और आप मज़ाक के पात्र बन जायेंगे इसलिए यदि ऐसे किसी चक्रव्यू में फंसे हैं तो ईश्वर ही आपको बचा सकता है अक्सर देखा जाता है कि लोग प्यार में इतने पागल हो जाते हैं कि शादी से पहले ही अफेयर होता है और सम्भोग पाने की चाहत में भ्रूण हत्या एक बार नहीं कई बार करवाते हैं हो पाप है इसे क़ोई भी स्त्री पसंद नहीं करती है आपका सबसे बड़ा दुश्मन वासना है जिसे जरुरत पड़ने पर काबू पाने की कोशिश करें इसके लिए मन में चल रहे सारे गलत गतिविधि से दूरी बना लें जो सेक्स के बारे में कचरा की तरह होता है आप इसलिए इस समय प्रभु राम को पूजते रहें आप सफल होंगे,लोग महाकुम्भ में इसतरह दौर रहें हैं कि जैसे भगवान वहाँ आ गए हैं लेकिन यदि आपने अच्छा कर्म किया है तो कहीं जाने की जरुरत नहीं आपके लिए 144साल बहुत लगता है लेकिन संतो के लिए छोटा होता है क्योंकि वो समाधि लगाते हैं कभी भी सूक्ष्म शक्ति से क़ोई भी समय कहीं भी देख सकते हैँ इसलिए गुरुनानक कहते हैँ एक ओंकार यानी ईश्वर एक है, सतनाम,उसका नाम ही सच है. कभी भी रिश्ता पैसा हेतु नहीं होता है बल्कि इज्जत और सम्मान तथा आपसी दुःख औऱ बुरे दौर में साथ देने से होता है ऐ तो फिल्मों में सम्बन्ध बनता बिगड़ता है क्योंकि वहाँ का लाइफ ही ऐसा है की कैमरा में एक दूसरे को शूट करता है तो भावना व लोकप्रियता के कारण सम्बन्ध टूटता है ऐ सब पार्टियों में जाने क्लबो में डान्स करने व विदेश में शूटिंग की वजह हो सकता है वहाँ तो इसी गम को दूर करने के लिए खुब शराब और ड्रग्स भी ले लेते हैं अतः वहाँ का लाइफ कुछ दूसरा है कुछ वर्ष पूर्व फ़िल्म में नए नए आए सुशांत सिंह राजपूत का सुसाइड केस जो कहीं ना कहीं ऐ दिखा रहा था कि सुशांत सिंह के लिभ एंड लाइफ रिलेशन के कारण डिप्रेशन का शिकार हुआ और आत्महत्या कर दुनिया से चला गया आज होता तो उसकी फ़िल्म लाइन में एक अलग पहचान होता, इसपर बहुत सी राजनीती हुई मीडिया दिनभर खबर दीखाता रहा और बाद में सीबीआई इन्क्वारी में कुछ भी नहीं निकला लेकिन मीडिया की खुब कमाई हुई और लोगों का समय बर्बाद हुआ अतः इसे समझना जरुरी है और आत्मचिंतन की आवश्यकता है.जीवन में पल-पल नव-निर्माण हो रहा है। उत्साह की तरंगों से मन को तरंगित एवं आप्लावित कर दें। निराशा हमारे स्वभाव का अंग नहीं है, विजातीय हैं। निराशा को भगाओ, आशा को जगाओ, आज और अभी जगाओ। जीवन का यही संदेश है। हमारे मन में कोई पुकार-पुकार कह रहा है कि मानव को जीवन सुख से रहने के लिए मिला है, सुख मानव का जन्मसिद्ध अधिकार है। यह सृष्टि सुखप्रधान हैं, दुःखप्रधान नहीं है और मानव न केवल स्वभाव से सुख चाहता है, वह सुख पाने में सक्षम भी है। सुखवृत्ति को ठीक प्रकार से जगाकर मनुष्य खोये हुए सुख को पुनः पा सकता है।
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