हैदराबाद, (वेब वार्ता)। हैदराबाद से 132 किमी दूर नागरकुर्नूल में बन रही 42 किमी की दुनिया की सबसे लंबी पानी की टनल में फंसे 8 कर्मचारियों को निकालने के लिए 584 लोगों की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है। अब 12 रैट माइनर्स (चूहों की तरह खदान खोदने वाले मजदूर) को सौंपा गया है। इन्होंने ही 2023 में उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही-सलामत बाहर निकाला था। 6 रैट माइनर्स की एक टीम पहुंच चुकी है। 6 लोगों की बाकी टीम कल (बुधवार) पहुंचेगी। अभी यह 12 सदस्यों की टीम अंदर जाकर सिर्फ हालात का जायजा लेगी। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ रैट माइनर्स टीम की मीटिंग के बाद रेस्क्यू शुरू होगा। पानी की वजह से रेस्क्यू में ज्यादा वक्त लग सकता है। सिलक्यारा टनल में सूखा मलबे की वजह से ज्यादा दिक्कत नहीं हुई थी।नौसेना के जवान इस काम में रैट माइनर्स टीम की मदद करेंगे। ये आईआईटी चेन्नई के स्पेशल पुश कैमरे और रोबोट की मदद से खुदाई का सही रास्ता बताएंगे। श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल टनल का एक हिस्सा 22 फरवरी को ढह गया था। बचाव दल ने रविवार को ही रेस्क्यू की कोशिशें शुरू कर दी थीं। रेस्क्यू टीम ने टनल में हादसे की जगह का निरीक्षण किया था। अंदर जाने का कोई रास्ता न होने पर वह लौट आई थी।रेस्क्यू टीम ने सोमवार सुबह मलबे के पास पहुंचकर करीब आधे घंटे तक कर्मचारियों का नाम लेकर आवाज लगाई, लेकिन दूसरी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला था।तेलंगाना सरकार के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा था कि हमारी कोशिशें जारी हैं लेकिन कर्मचारियों के बचने की संभावना कम है।
तेलंगाना टनल हादसा: अब 12 रैट माइनर्स की टीम चलाएगी रेस्क्यू ऑपरेशन
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