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वेबवार्ता-डेस्क। भाजपा ने महिला विधायक रेखा गुप्ता को दिल्ली अद्र्धराज्य का मुख्यमंत्री चुना है। दिसंबर, 1998 में मुख्यमंत्री रहीं सुषमा स्वराज के बाद रेखा गुप्ता दिल्ली की दूसरी भाजपाई मुख्यमंत्री हैं। यदि शीला दीक्षित और आतिशी को भी गिनें, तो वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री हैं। देश के 13 राज्यों में भाजपा मुख्यमंत्री हैं, लेकिन महिला मुख्यमंत्री कोई नहीं थी। एनडीए सरकारों का नेतृत्व भी पुरुष मुख्यमंत्री कर रहे हैं। अलबत्ता राजस्थान और ओडिशा में भाजपा की उपमुख्यमंत्री जरूर हैं। अब भाजपा की सूची में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता महिला और वैश्य समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगी, लेकिन अब भी भाजपा किसी दलित को मुख्यमंत्री नहीं बना पाई है। आरएसएस प्रमुख भी आज तक किसी दलित को नहीं बनाया गया है। यह संयोग है अथवा परंपरागत प्रयोग है? रेखा गुप्ता 2025 के विधानसभा चुनाव में पहली बार ही विधायक बनी हैं। हालांकि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव तथा अध्यक्ष, तीन बार नगर निगम पार्षद, भाजपा में पदाधिकारी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के तौर पर 30 लंबे सालों का राजनीतिक सफर पार किया है, लेकिन सवाल किया जा रहा है कि रेखा गुप्ता को ही दिल्ली की मुख्यमंत्री का दायित्व क्यों दिया गया? जबकि कई अनुभवी और 5-6 बार के चुने हुए विधायक भी पार्टी में हैं। इसका साफ जवाब है कि महिला और वैश्य समाज को साधने का प्रयास किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी अब महिला सशक्तिकरण की राजनीति पर ज्यादा फोकस करना चाहते हैं। दरअसल वैश्य ‘जनसंघ’ के दिनों से ही संघवादी राजनीति के कोर समर्थक रहे हैं। भाजपा को भी 1980 के दौर में ब्राह्मणों-बनियों की पार्टी माना जाता था।
बाद में पंजाबियों का समर्थन भी मिलने लगा। प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी, ओबीसी और कुछ हद तक दलितों को भी भाजपा के साथ जोडऩे की सफल राजनीति की है, नतीजतन 20 से अधिक राज्यों में भाजपा-एनडीए की सरकारें हैं। बहरहाल दिल्ली का परिदृश्य कुछ अलग रहा है। दिल्ली में साक्षरता दर 88 फीसदी से अधिक है। प्रति व्यक्ति आय भी औसतन 4 लाख रुपए से ज्यादा है। नागरिक जागरूकता भी काफी है। दिल्ली देश की राजधानी के साथ-साथ ‘मिनी भारत’ भी है। चूंकि केजरीवाल भी बनिया समाज के हैं, लिहाजा उनके नेतृत्व में जब आम आदमी पार्टी (आप) की राजनीति परवान चढ़ी, तो वैश्य भी उनकी ओर धु्रवीकृत हुए, लिहाजा भाजपा ने अपने कोर वोटर को खिसकने का संकट महसूस किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 2025 के चुनाव में महिलाओं पर खूब फोकस रखा, नतीजतन पार्टी को 45 फीसदी से अधिक महिला वोट मिले। अब रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री बना कर महिला और बनियों के जनाधार को साधने की कोशिश की गई है। दिल्ली में वैश्य आबादी सिर्फ 8 फीसदी है। जाट आबादी भी लगभग इतनी ही है। भाजपा ने नई नेतृत्व-रेखा खींच कर दिल्ली की करीब 1 करोड़ महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया है। भाजपा भी नए मुख्यमंत्री की व्याख्या इसी तरह कर रही है। अब पूरे देश में ममता बनर्जी और रेखा गुप्ता, दो ही महिला मुख्यमंत्री हैं। बहरहाल केजरीवाल सरकार की मुफ्त योजनाओं को जारी रखना, प्रदूषण कम करने की शुरुआत करना, स्वच्छ पेयजल, सडक़ों का परिसंस्कार और यमुना की सफाई जैसे मसलों पर परीक्षा होगी।