Wednesday, December 3, 2025
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‘2047 पर फोकस, संसद में कई बिलों पर चर्चा’, बजट सत्र 2025 को लेकर पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ 18वीं लोकसभा के बजट सत्र का आगाज हो गया है। बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए मां लक्ष्मी को नमन किया। साथ ही उन्होंने सरकार के तीसरे टर्म के बारे में जानकारी दी।

पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातों पर नजर डालते हैं…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मां लक्ष्मी को नमन कर संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा, “आज बजट सत्र की शुरुआत में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को नमन करता हूं। सदियों से हम ऐसे अवसरों पर मां लक्ष्मी को याद करते आ रहे हैं। मैं महालक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब और मध्यम वर्ग पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे।”

पीएम मोदी ने इसे 2047 के संकल्प का विजन बताया। बोले, “हमारे गणतंत्र ने 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह देश के प्रत्येक नागरिक के लिए बहुत गर्व की बात है। इस देश की जनता ने मुझे तीसरी बार जिम्मेदारी दी है। यह मेरे तीसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट है। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह बजट नई ऊर्जा देगा, यह विश्वास दिलाता है कि 2047 तक देश का विकास होगा और 140 करोड़ लोग अपने संकल्प के साथ इस विजन को पूरा करेंगे।”

इसे युवा सांसदों के लिए सुनहरा मौका करार दिया। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “इस बजट सत्र में सभी सांसद विकसित भारत को मजबूती देने के लिए अपना योगदान देंगे। विशेषकर जो युवा सांसद हैं, उनके लिए तो ये सुनहरा अवसर है। क्योंकि वो सदन में जितनी जागरूकता और भागीदारी बढ़ाएंगे, विकसित भारत के फल उनकी नजर के सामने देखने को मिलेंगे।”

पीएम मोदी ने बजट से पहले ‘विदेशी कोने से चिंगारी भड़काने’ वाली बात भी कही। बोले, “मैं 2014 से देख रहा हूं कि हर सत्र से पहले शरारत करने के लिए लोग तैयार बैठते थे और यहां उन्हें हवा देने वालों की कोई कमी नहीं है। 10 साल बाद ये पहला सत्र मैं देख रहा हूं, जिसमें किसी भी विदेशी कोने से कोई चिंगारी नहीं भड़काई गई।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास की गति को तेज करने का मंत्र भी दिया। कहा, “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांस्फॉर्म। जब विकास की तेज गति हासिल करनी होती है, तो सबसे ज्यादा जोर रिफॉर्म पर होता है। राज्य और केंद्र सरकारों को मिलकर परफॉर्म करना होता है और लोगों की भागीदारी से हम ट्रांस्फॉर्मेशन देख सकते हैं।”

सबसे अहम बात पीएम मोदी ने मिशन मोड में काम करने का दावा किया। उन्होंने कहा, “तीसरे कार्यकाल में हम मिशन मोड में देश को सर्वांगीण विकास की दिशा में चाहे वह भौगोलिक रूप से हो, सामाजिक रूप से हो या आर्थिक भिन्न-भिन्न संदर्भ में हो, हम सर्वांगीण विकास के संकल्प को लेकर मिशन मोड में आगे बढ़ते जा रहे हैं।”

उन्होंने यपवा विकसित भारत के लाभार्थियों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा देश युवा देश है, युवा शक्ति है। आज जो 20-25 साल के नौजवान हैं। जब वो 45-50 साल के होंगे तो वे विकसित भारत का सबसे बड़े लाभार्थी होंगे।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति के सम्मान की बात की। कहा, “विशेषकर नारीशक्ति के गौरव को पुनः प्रस्थापित करना, पंथ-संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन और समान अधिकार मिले, इस दिशा में इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।”

पीएम मोदी ने आर्थिक रोडमैप की बात कही। बोले, “इनोवेशन, समावेश और निवेश लगातार हमारी आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार रहे हैं। इस सत्र में हमेशा की तरह कई ऐतिहासिक बिल पर सदन में चर्चा होगी और व्यापक मंथन के साथ वो राष्ट्र की ताकत बढ़ाने वाले कानून बनेंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई कि सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी उतरेगी। उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं कि हम देश की आशा-आकांक्षाओं के इस बजट सत्र में खरे उतरेंगे।

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