-मुख्यालय पर नहीं रहते दरोगाजी नतीजा गांव गांव में ठेकेदार द्वारा बिकवाई जा रही है शराब
आठनेर, (मनीष राठौर)। शासन को अधिक से अधिक कमाई करके देने वाला आबकारी विभाग भले ही मध्य प्रदेश के लिए दुधारू गाय साबित हो रहा हो मगर उस विभाग की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है। विकासखंड मुख्यालय आठनेर में आबकारी कार्यालय की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग की असल स्थिति क्या है। आठनेर तहसील एवं विकासखंड मुख्यालय है, यहां आबकारी कार्यालय तो है मगर वर्षों से बंद पड़ा है। ऑफिस की बिजली कटी है, तथा कार्यालय सालों से धूल खा रहा है। आबकारी विभाग के सालों से बंद होने के कारण बाजू में स्थित कृषि विभाग ने आबकारी कार्यालय के सामने की भूमि पर तार फेंसिंग कर अपने कब्जे में ले लिया है। यहां पर एक दरोगा, एक आरक्षक के पद भरे हैं बाकी सारे पद खाली पड़े हैं। दरोगाजी के पास बैतूल, आमला और आठनेर तीन सर्किल का चार्ज है। आठनेर के ऑफिस की खराब हालत के चलते दरोगाजी अपनी व्यवस्था के अनुसार बैतूल मुख्यालय पर रहकर तीनों सर्किलों का कामकाज संभालते हैं। उन्हें तीनों सर्किलों में लाइसेंसी शराब दुकानों का निरीक्षण भी करना है और अवैध शराब पकड़ कर केस भी बनाना है। ऐसे में दरोगाजी किस प्रकार से कार्य करते होंगे अंदाजा लगाया जा सकता है ऐसी स्थिति में आठनेर शराब ठेकेदार की मर्जी के अनुसार कार्य करना उनकी मजबूरी बन गई है कहां कहां अवैध शराब बिक रही है इसकी खबर शराब ठेकेदार द्वारा ही आबकारी अमले को दी जाती है कहां दबिश देना है कहां कहां अवैध शराब के अड्डे हैं किस-किस गांव में है। इन सभी जानकारी एवं कार्यवाही के लिए दरोगा जी को शराब ठेकेदार के ऊपर ही निर्भर रहना पड़ता है। दरोगा जी अवैध शराब पकड़ने जाते हैं तो ठेकेदार की मदद के बगैर संभव नहीं हो पाता शराब ठेकेदार की विभाग में इतनी पैठ होने का ही नतीजा है कि आठनेर शराब ठेकेदार के हौसले बुलंद है इसलिए ठेकेदार विभागीय कार्यवाही से भय मुक्त है और खुलेआम देशी विदेशी मदिरा को निर्धारित मूल्य से अधिक पर बेच रहा है आलम यह है कि आठनेर की लाइसेंसी दुकान में बिल तक नहीं है। ग्राहकों के मांगने पर भी बिल नहीं दिया जाता जिसके पीछे खास कारण यह है कि ठेकेदार प्रिंट रेट से ज्यादा दाम में शराब विक्रय कर रहा है अगर वह बिल दे दे तो उसकी पोल खुल जाएगी। सूत्रों से प्राप्त समाचार के अनुसार ठेकेदार द्वारा आठनेर विकासखंड के गांव गांव में अंग्रेजी एवं देशी शराब कमीशन पर बिकवाई जा रही है ठेकेदार अपनी निजी जीप से गांव-गांव में शराब पहुंचाकर एजेंट को पूरा संरक्षण दे रहा है और लोगों को नशे का आदी बना रहा है। आठनेर के आबकारी कार्यालय के वर्षों से बंद होने संबंधी प्रतिक्रिया जानने के लिए जिला आबकारी अधिकारी बैतूल एवं उप निरीक्षक को फोन किया गया मगर उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।