बेंगलुरु, (वेब वार्ता)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग द्वारा शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने या माफी मांगने की सलाह को ठुकराते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही संसद के भीतर संविधान की शपथ ली है। बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में आयोजित ‘वोट अधिकार रैली’ में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग, भाजपा और मतदाता सूची में कथित धांधली पर तीखे सवाल उठाए।
राहुल गांधी का सीधा हमला
राहुल गांधी ने कहा—
“चुनाव आयोग मुझसे हलफनामा मांगता है। वो कहता है कि मुझे शपथ लेनी होगी। मैंने संसद में संविधान की शपथ ली है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि देश में मतदाता सूची से जुड़े डेटा में गड़बड़ी हो रही है और ‘वोट चोरी’ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को एक दिन कानून के दायरे में लाया जाएगा।
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जैसे ही जनता ने मतदाता सूची के डेटा पर सवाल उठाना शुरू किया, चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट बंद कर दी। उनके अनुसार, आयोग जानता है कि अगर पारदर्शिता बनी रही तो उसका पूरा ढांचा सवालों के घेरे में आ जाएगा।
महाराष्ट्र चुनाव का उदाहरण
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में वहां विपक्षी गठबंधन जीता था, लेकिन छह महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में हैरान करने वाले परिणाम आए।
उन्होंने आरोप लगाया कि—
“सिर्फ पांच महीने में महाराष्ट्र में एक करोड़ नए मतदाता जुड़े और सबने भाजपा को वोट दिया। यह कैसे संभव है?”
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
इससे पहले चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा था कि राहुल गांधी के पास दो विकल्प हैं—
शपथपत्र पर हस्ताक्षर करना
आयोग के खिलाफ लगाए गए ‘बेतुके’ आरोपों के लिए माफी मांगना
राहुल गांधी के बयान ने एक बार फिर मतदाता सूची की पारदर्शिता और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर बहस को तेज कर दिया है।