Sunday, December 22, 2024
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सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में भारत को मिला बड़ा निवेश, चीन-अमेरिका पर खत्म होगी निर्भरता

नई दिल्ली, 29 फरवरी (वेब वार्ता)। मोदी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल का असर अब दिखाई देने लगा है। डिफेंस, मोबाइल, हार्डवेयर, फार्मा के बाद अब भारात को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए बड़ा निवेश मिला है। यह भारत के लिए बड़ी उप​लब्धि है। अभी तक भारत चिप के लिए चीन, अमेरिका और जापान पर निर्भर है। अब भारत खुद सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक बड़ा खिलाड़ी बनने जा रहा है। इस बाबत केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत ने पिछले दो साल में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकार को वैश्विक चिप विनिर्माताओं से 2.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

2022 में सेमीकंडक्टर नीति की घोषणा हुई थी

चंद्रशेखर ने कहा कि 2022 में प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर नीति की घोषणा की थी और इसने तुरंत वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत सरकार को वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियों से 2.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। भारत तेजी से सेमीकंडक्टर राष्ट्र बन रहा है। दो साल पहले, यह दुनिया के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में भी मौजूद नहीं था।’’ इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल में भारत ‘फ्रेजाइल फाइव’ से बाहर निकला है और आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

दुनियाभर के देशों के लिए प्रेरणा बना भारत 

पुणे में आयोजित ‘विकसित भारत एम्बैसडर मीट’ को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि भारत अपनी समावेशी नीतियों के मामले में दुनियाभर के देशों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी समावेशी नीतियों के संदर्भ में, कामकाज के संचालन में बदलाव और सरकारों को लोगों के लिए काम करने के तरीके के संदर्भ में दुनियाभर के देशों के लिए उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले कुछ वर्षों में ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य तय किया है।

दो पूर्ण विकसित सेमीकंडक्टर संयंत्र लगेंगे

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रसारण राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत में जल्द ही अरबों डॉलर के दो पूर्ण विकसित सेमीकंडक्टर संयंत्र लगने वाले हैं। इसके अलावा कई चिप असेंबली और पैकेजिंग इकाइयों की स्थापना के लिए भी निवेश प्रस्तावित है। मंत्री ने बताया कि दो परियोजनाओं में आठ अरब डॉलर का एक प्रस्ताव इजराइल की टॉवर सेमीकंडक्टर्स का और दूसरा प्रस्ताव टाटा समूह का है।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (मेइटी) के सचिव एस कृष्णन ने कहा कि कहा कि अगले 5-10 साल में देश में सेमीकंडक्टर विनिर्माण तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 20 लाख लोग कार्यरत हैं और सरकार चाहती है कि इस क्षेत्र में नौकरियों की संख्या लगभग 45 लाख तक पहुंचें। कृष्णन ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था अगले कुछ वर्षों में वास्तव में तेज गति से बढ़ेगी।

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