वाराणसी, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर अब बाढ़ के उच्चतम बिंदु 73.901 मीटर से घटकर 69.60 मीटर पर पहुंच गया है। बीते 5 अगस्त को जलस्तर 72.23 मीटर तक पहुंच गया था, लेकिन अब यह चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर से नीचे आ चुका है। राहत की बात यह है कि जलस्तर लगभग दो सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घट रहा है, लेकिन तटवर्ती क्षेत्रों में लोगों की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं।
गंगा और वरुणा नदी के किनारे बसे इलाकों में पानी उतरने के बाद भारी गाद, कीचड़ और गंदगी रह गई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है। लगातार हो रही बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में पानी के बहाव के चलते एक बार फिर बाढ़ की आशंका बनी हुई है।
22 राहत शिविरों में 979 परिवार
जिला प्रशासन द्वारा वर्तमान में 22 बाढ़ राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं, जहां 979 परिवारों के 4599 लोग शरण लिए हुए हैं। राहत किट, मवेशियों के लिए चारा और साफ पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। प्रशासन ने अपील की है कि जो परिवार अब तक सहायता से वंचित हैं, वे नजदीकी शिविर में संपर्क करें।
सफाई और कीटनाशक छिड़काव जारी
नगर निगम वाराणसी, नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के नेतृत्व में शिवपुरी कॉलोनी पार्क, जलालीपुरा, दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, मणिकर्णिका घाट, नगवा और राजघाट सहित प्रभावित क्षेत्रों में सिल्ट हटाने और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रहा है।
सोडियम हाइपोक्लोराइट, एंटीलार्वा और चूने का छिड़काव स्प्रिंकलर मशीन से किया जा रहा है, ताकि मच्छरों के प्रकोप और बीमारियों को रोका जा सके।
एनडीआरएफ और जल पुलिस की तैनाती
बाढ़ से जन-धन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी और जल पुलिस की टीमें तैनात हैं। प्रशासनिक अधिकारी लगातार निरीक्षण कर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
निगरानी और राहत कार्य जारी
अपर नगर आयुक्त सविता यादव, संगम लाल, सुभाष सिंह और विनोद कुमार गुप्ता प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर राहत कार्यों की प्रगति देख रहे हैं। सिल्ट हटाने की कार्यवाही दिन-रात चल रही है ताकि जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल हो सके।