हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। विकासखण्ड टोडरपुर की ग्राम पंचायत की जांच में विकास कार्यों में अनियमितताओं का बड़ा खुलासा हुआ है। खंड विकास अधिकारी अरविन्द कुमार की रिपोर्ट के आधार पर ग्राम प्रधान व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि श्यामबाबू त्रिवेदी और पंचायत सचिव कौशलेंद्र राजपूत के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) व 316(5) के तहत थाना बेहटा गोकुल में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
बीते 19 अगस्त को बीडीओ ने पंचायत का निरीक्षण किया था। इसमें पाया गया कि आरआरसी का निर्माण अधूरा है और पहुँच मार्ग तक नहीं बना। ओडीएफ शौचालय योजना स्वीकृत होने के बावजूद अधूरी पड़ी है। लर्निंग सेंटर घटिया गुणवत्ता का बना, जबकि लाखों रुपये का खर्च कागजों पर दिखाया गया। पंचायत भवन निचले स्तर पर बनाया गया, जिससे बरसात में जलभराव की स्थिति रहती है। सबसे गंभीर मामला अंत्येष्टि स्थल का सामने आया, जिस पर 24.36 लाख रुपये खर्च दर्शाए गए, लेकिन स्थल अधूरा व अनुपयोगी मिला।
रिपोर्ट के आधार पर 23 अगस्त को जिम्मेदारों पर मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति हुई और 24 अगस्त को थाना बेहटा गोकुल में अपराध संख्या 0278/2025 पंजीकृत की गई। विवेचना की जिम्मेदारी उपनिरीक्षक शिवेन्द्र राय को सौंपी गई है।
जांच में यह भी सामने आया कि पंचायत स्तर पर योजनाओं को केवल कागजों में ही पूरा दिखा दिया गया, जबकि जमीनी स्थिति बिल्कुल उलट रही। ग्रामीणों की सुविधा के लिए स्वीकृत कार्य अधूरे और अनुपयोगी पड़े हैं। प्रशासन ने इसे सरकारी धन के दुरुपयोग और शासनादेशों की अवहेलना मानते हुए सख्त रुख अपनाया है।
बीडीओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। अधूरे कार्यों की जिम्मेदारी तय कर रिकवरी और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि भ्रष्टाचार के कारण उन्हें मूलभूत सुविधाएँ नहीं मिल पा रही हैं और प्रशासन का यह कदम सही दिशा में उठाया गया है।