सीतापुर/नोएडा, (वेब वार्ता)। सीतापुर एनकाउंटर : उत्तर प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी हत्याकांड में शामिल दो कुख्यात इनामी बदमाशों को उत्तर प्रदेश एसटीएफ और सीतापुर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया। दोनों बदमाशों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
घटना मंगलवार रात की है जब नोएडा यूनिट की एसटीएफ और सीतापुर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर थाना पिसावां क्षेत्र में सटीक कार्रवाई की। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में दोनों बदमाशों को गोली लगी। उन्हें गंभीर अवस्था में सीएचसी से जिला अस्पताल सीतापुर रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई।
▶️ मारे गए अपराधियों की पहचान और आपराधिक इतिहास:
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मारे गए बदमाशों की पहचान राजू तिवारी उर्फ रिजवान और संजय तिवारी उर्फ शिब्बू उर्फ शकील खान के रूप में हुई है। दोनों सगे भाई थे और सीतापुर जिले के थाना मिसरिख क्षेत्र के अटवा गांव के निवासी थे। हैरान कर देने वाली बात यह रही कि दोनों के असली नाम हिन्दू पहचान से जुड़े थे लेकिन आपराधिक गतिविधियों के चलते इन्होंने मुस्लिम पहचान वाले नाम भी अपना लिए थे, जिससे फरारी के दौरान पहचान छुपाई जा सके।
➤ राजू तिवारी उर्फ रिजवान:
वर्ष 2006 में लखीमपुर खीरी में तैनात उपनिरीक्षक परवेज अली की हत्या कर दी थी।
उपनिरीक्षक की हत्या के बाद उसकी सरकारी रिवॉल्वर भी लूट ली गई थी।
दर्जनों संगीन आपराधिक मामलों में शामिल था।
➤ संजय तिवारी उर्फ शकील खान:
वर्ष 2011 में सीतापुर के मचरहेता थाना क्षेत्र में देवी सहाय शुक्ल की गोली मारकर हत्या की थी।
हत्या, लूट, डकैती सहित दो दर्जन से अधिक गंभीर अपराधों में नामजद था।
🕵️♂️ पत्रकार राघवेंद्र की हत्या में थी संलिप्तता:
पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या ने प्रदेशभर में सनसनी फैला दी थी। समाज और मीडिया में रोष की लहर फैल गई थी। इन दोनों कुख्यात अपराधियों पर इस जघन्य हत्याकांड में संलिप्तता के पुख्ता प्रमाण मिले थे। पुलिस और एसटीएफ की टीमें इनकी गिरफ्तारी को लेकर लंबे समय से प्रयासरत थीं।
👮♂️ मुठभेड़ की कार्यवाही और आगे की जांच:
मुठभेड़ के बाद मौके से दो अवैध हथियार और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस अधीक्षक व एसटीएफ के अधिकारी इस मुठभेड़ को बड़ी कामयाबी मान रहे हैं।
अब पुलिस इस केस के पीछे की साजिश, अन्य सहयोगियों और वित्तीय नेटवर्क की भी जांच कर रही है। हत्याकांड में कोई राजनीतिक या गैंगस्टर एंगल है या नहीं, इसकी भी गहराई से पड़ताल की जा रही है।