शाहजहांपुर, राम निवास शर्मा (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में रामगंगा नदी के टापू पर एक सनसनीखेज अपहरण की घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया। कलान थाना क्षेत्र के परौर मजरा मंझा गांव में कल्लू गैंग के कथित शरणदाताओं ने युवक सावेन्द्र का अपहरण कर उसकी जान लेने का प्रयास किया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और कई थानों की घेराबंदी के बाद आरोपियों ने सावेन्द्र को रामगंगा के दूसरे घाट पर छोड़कर भाग गए। यह वारदात थाने से चंद कदम की दूरी पर हुई, जिसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अपहरण और हिंसा की सनसनीखेज घटना
घटना परौर मजरा मंझा गांव, शाहजहांपुर की है, जहां रविवार सुबह सावेन्द्र और उनके भाई उदयराज खेत पर तार की बाड़ लगाने गए थे। तभी अजयपाल, नन्हे पाल, अनगपाल, धर्मवीर सहित कई आरोपियों ने सावेन्द्र को घेर लिया और नाव पर डालकर रामगंगा के टापू पर ले गए। वहां लाठियों से उनकी पिटाई की गई और जान से मारने का प्रयास किया गया। उदयराज किसी तरह बच निकले और परिजनों को सूचना दी।
अपहरण की खबर मिलते ही परिजनों और स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। परिजनों ने तुरंत पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (पीआरवी) और पुलिस को सूचित किया। कलान, परौर, मिर्जापुर, मदनापुर, कटरा, गढ़ियारंगीन, और जैतीपुर थानों की पुलिस ने रामगंगा के दोनों छोर पर घेराबंदी की। सीओ के नेतृत्व में पुलिस की सख्ती देखकर आरोपियों के हौसले पस्त हो गए, और उन्होंने सावेन्द्र को कुंडरिया घाट पर छोड़ दिया। घायल सावेन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) लाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
पुरानी रंजिश बनी कारण
अगरवीर, सावेन्द्र के पक्ष से, ने बताया कि यह घटना पुरानी रंजिश का नतीजा है। तीन साल पहले अजयपाल पक्ष ने सावेन्द्र और सुखपाल की दो भैंस चोरी कर बेच दी थीं, जिसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ और आरोपी जेल गए। इस मामले का केस अभी न्यायालय में चल रहा है, जिसके चलते अजयपाल पक्ष रंजिश रखता था।
इसके अलावा, तीन दिन पहले रात में अजयपाल पक्ष ने धर्मवीर और श्यामपाल के घर में घुसकर गाली-गलौज, मारपीट, और जान से मारने की धमकी दी थी। श्यामपाल की बहू ने छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए शनिवार को अजयपाल और उनके परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इस मुकदमे से नाराज होकर आरोपियों ने सावेन्द्र का अपहरण किया।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों और पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि दो जिला बदर आरोपी गांव में खुले घूम रहे थे, और पुलिस ने उनके खिलाफ समय रहते कार्रवाई नहीं की। अगरवीर ने कहा:
“यदि पुलिस ने जिला बदर आरोपियों के खिलाफ पहले कार्रवाई की होती, तो शायद यह घटना न होती। पुलिस की नाक के नीचे ऐसी वारदात होना कई सवाल खड़े करता है।”
हालांकि, एसएचओ अशोक कुमार सिंह ने अपहरण के आरोपों को खारिज करते हुए कहा:
“यह अपहरण का मामला नहीं, बल्कि मारपीट का है। पीड़ित पक्ष की तहरीर पर 7-8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बाकी आरोप निराधार हैं।”
कल्लू गैंग से संबंधों पर सफाई
अगरवीर ने स्पष्ट किया कि इस घटना का कल्लू नज्जू गैंग के नज्जू गुर्जर से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस वारदात को नज्जू गुर्जर से जोड़ रहे हैं, वे अफवाह फैला रहे हैं। हालांकि, उन्होंने पुष्टि की कि आरोपी कल्लू गैंग के शरणदाता हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस ने अजयपाल, नन्हे पाल, अनगपाल, धर्मवीर सहित कई लोगों के खिलाफ तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस विभाग ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों की जांच शुरू कर दी है ताकि घटना की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
सामाजिक और कानूनी प्रभाव
इस घटना ने शाहजहांपुर में कानून-व्यवस्था और पुलिस की सतर्कता पर सवाल खड़े किए हैं। लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने जिला बदर नियमों के उल्लंघन और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। यह घटना स्थानीय समुदाय में असुरक्षा की भावना को बढ़ा सकती है, खासकर जब अपराधी खुले तौर पर सक्रिय हों।




