हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। शाहाबाद के मोहल्ला पठकाना में सुप्रसिद्ध श्रीरामलीला मेला की 90 वर्षों से चली आ रही परंपरा ने एक बार फिर आस्था और उत्साह का अनोखा संगम रचा। गुरुवार रात निकली शिव बारात शोभायात्रा भव्यता, श्रद्धा और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रही, जिसने नगरवासियों को भावविभोर कर दिया। गाजे-बाजे, आकर्षक झांकियां और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच यह शोभायात्रा आस्था का प्रतीक बन गई।
शोभायात्रा का भव्य शुभारंभ और स्वागत
शोभायात्रा का आगाज नगर पालिका परिसर के सामने दूल्हे रूपी भगवान शिव की आरती और तिलक से हुआ। मेला अध्यक्ष संजय मिश्रा ‘बबलू’ के आवास पर बारातियों का जोरदार स्वागत किया गया, जहां स्वल्पाहार भी कराया गया। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने भगवान शिव का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया, जो आयोजन की गरिमा को दर्शाता था।
यह 90 वर्ष पुरानी परंपरा हर साल रामलीला मेले का मुख्य आकर्षण होती है, जो शाहाबाद की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखती है। इस बार भी हजारों श्रद्धालु सड़कों पर उमड़ पड़े, और शोभायात्रा की भव्यता ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गाजे-बाजे और झांकियों का जादू: आस्था का केंद्र
शोभायात्रा में गाजे-बाजे की धुनों के साथ दर्जनों आकर्षक झांकियां सजी हुई थीं। भगवान शिव के गणों—भूत, पिशाच, गंधर्व—की झलक ने श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित किया। नगर और आसपास के क्षेत्रों से आए लोग देर रात तक सड़कों, छतों और बालकनियों से झांकियों के दर्शन करते नजर आए। कई स्थानों पर महिलाओं और बच्चों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया, जिससे माहौल और भी भक्तिमय हो गया।
झांकियों में पारंपरिक वेशभूषा में सजे कलाकारों ने रामायण और शिव पुराण की कथाओं को जीवंत कर दिया। यह दृश्य न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि शाहाबाद की सांस्कृतिक समृद्धि को भी उजागर करता था।
मार्ग और सुरक्षा: शांतिपूर्ण आयोजन
शिव बारात शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरी, जिनमें स्टेट बैंक, घास मंडी तिराहा, राष्ट्रपिता स्कूल, बड़ीबाजार, घंटाघर, सर्राफा बाजार, चौक, बालाजी मंदिर शामिल थे। अंत में यह सरदारगंज चौकी के आगे समाप्त हुई। कोतवाली पुलिस ने पूरी व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा, जिससे आयोजन शांतिपूर्ण और सुरक्षित रहा। भारी भीड़ के बावजूद कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, जो आयोजकों और प्रशासन की बेहतर तैयारी को दर्शाता है।
मेला समिति की सक्रिय भूमिका: समर्पित सेवा
पूरे आयोजन में मेला समिति के पदाधिकारी और कार्यकर्ता पूरी तल्लीनता से लगे रहे। अध्यक्ष संजय मिश्रा ‘बबलू’, मंत्री ऋषि मिश्रा, महामंत्री अनमोल गुप्ता, और व्यवस्थापक टीम के सदस्यों—मधुप मिश्रा, अनुराग, पुष्पेंद्र मिश्रा, संजू पंडित, सर्वेश मिश्रा, रामजी तिवारी, ललित मोहन मिश्रा, अरुण अग्निहोत्री—ने अपनी-अपनी भूमिकाएं बखूबी निभाईं। उनकी मेहनत से यह परंपरा वर्षों से जीवित है।
मेला मीडिया प्रभारी ओमदेव दीक्षित ने बताया, “इस बार शिव बारात शोभायात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ और उत्साह पिछले वर्षों से कहीं अधिक रहा। यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत करने का माध्यम है।”
निष्कर्ष: आस्था और परंपरा का अनमोल संगम
शाहाबाद की पठकाना रामलीला शिव बारात शोभायात्रा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि 9 दशकों पुरानी परंपराएं आज भी जीवंत हैं। यह महापर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक उत्सव का भी। आयोजकों की मेहनत और श्रद्धालुओं के उत्साह ने इसे अविस्मरणीय बना दिया। आने वाले वर्षों में भी यह परंपरा जारी रहेगी, जो शाहाबाद को आस्था का केंद्र बनाए रखेगी।