शाहजहांपुर, राम निवास शर्मा (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के अल्हागंज थाना क्षेत्र अंतर्गत रघुनाथपुर न्याय पंचायत के गांव रमापुर बझेड़ा के प्राथमिक विद्यालय को अचानक बंद कर देने से स्थानीय अभिभावकों में गहरा रोष है। शिक्षा विभाग द्वारा 23 जुलाई को जारी आदेश के बाद इस स्कूल में पढ़ रहे 51 छात्रों को ढाई किलोमीटर दूर भुडिया गांव के प्राथमिक विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है।
हालांकि, बच्चों की लंबी दूरी और सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंता में डूबे हैं और उन्होंने स्कूल दोबारा खोलने की मांग की है।
बंद स्कूल और डर का माहौल
रमापुर बजेड़ा का प्राथमिक विद्यालय वर्षों से गांव के बच्चों की शिक्षा का केंद्र रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि स्कूल बंद किए जाने की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई और न ही स्थानीय अभिभावकों से कोई परामर्श लिया गया। अब बच्चों को गन्ने के खेतों और सुनसान रास्तों से होकर ढाई किलोमीटर पैदल चलकर भुडिया जाना होगा।
अभिभावकों ने बताया कि इन खेतों में अक्सर जंगली सूअर, सियार, आवारा सांड और कुत्ते घूमते रहते हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है।
शिक्षा की रुकावट
विद्यालय बंद होने से कई अभिभावकों ने बच्चों को अस्थायी रूप से स्कूल भेजना बंद कर दिया है। बच्चों की नियमित पढ़ाई में बाधा आ रही है और कई अभिभावकों का कहना है कि यदि स्थिति जल्द नहीं सुधरी, तो वे अपने बच्चों को स्कूल से हटा सकते हैं।
शिक्षा विभाग का रुख
शिक्षा विभाग के अनुसार, यह कदम स्कूलों के मर्जर नीति के तहत उठाया गया है। जहां कम छात्रसंख्या वाले स्कूलों को पास के विद्यालयों में समाहित किया जा रहा है ताकि संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो सके।
हालांकि, रमापुर बझेड़ा के अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में 51 छात्र थे, जो किसी भी प्राथमिक विद्यालय के लिए उचित संख्या है। उनका यह भी कहना है कि सरकार को यदि सुधार करना था, तो विद्यालय में सुविधाएं बढ़ानी चाहिए थीं, न कि बंद करना।
ग्रामीणों की मांग
विद्यालय को पुनः चालू किया जाए
बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए
बिना जन संवाद के ऐसे निर्णय न लिए जाएं
जनप्रतिनिधियों को इस मुद्दे में हस्तक्षेप करना चाहिए
आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द स्कूल नहीं खोला गया तो वे बीईओ कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे और जिला अधिकारी से सामूहिक मिलकर शिकायत दर्ज कराएंगे।
निष्कर्ष:
गांवों में शिक्षा तक आसान पहुंच आज भी एक बड़ा मुद्दा है। रमापुर बझेड़ा जैसे गांवों में स्कूल का बंद होना सिर्फ शिक्षण व्यवस्था का प्रश्न नहीं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा और भविष्य से जुड़ा सवाल है। यह घटना नीतियों और जमीनी सच्चाई के बीच की खाई को दर्शाती है।