आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में सस्ते प्लॉट के झांसे में आकर दलालों के चंगुल में फंसकर लोग मेहनत की गाढ़ी कमाई गवां रहे हैं। बिना मानचित्र स्वीकृति कॉलोनियों में प्लॉट खरीदे। कॉलोनियां ध्वस्त हो गईं। अब प्लॉट खरीदार एडीए दफ्तर में चक्कर काट रहे हैं। अवैध कॉलोनी में रकम फंसाने की वजह से एडीए ने भी सहयोग से हाथ खड़े कर दिए हैं।
पिछले छह माह में जिले में 80 से अधिक अवैध कॉलोनियां ध्वस्त की गईं। इनका रकबा करीब 150 हेक्टेयर था। इनमें 150 से अधिक खरीदार फंस गए हैं। सस्ते प्लॉट के झांसे में आकर दलाल के चक्कर में फंस गए। एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने कहा कि कोई भी भूमि में निवेश या प्लॉट खरीदने से पहले कॉलोनी का सत्यापन जरूर कर लें। लुभावने वादों पर न जाए।
कहा कि वास्तविक तथ्यों की जांच पड़ताल के बाद निवेश करें। उन्होंने बताया कि जिन कॉलोनियों को ध्वस्त किया है। उनमें प्लॉट खरीदने वाले स्वयं जिम्मेदार हैं। वह बिल्डर पर दावा कर सकते हैं। बिल्डर और दलाल के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र हैं।
100 से अधिक कॉलोनियों में नहीं सीवर लाइन
नगला कली, रजरई, शमसाबाद रोड, फतेहपुर सीकरी रोड, ग्वालियर रोड, रोहता व बिचपुरी क्षेत्र में 100 से अधिक अवैध कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं। जिनमें कुछ एडीए अप्रूव्ड हैं। एडीए की लापरवाही से एक तरफ अप्रूव्ड कॉलोनियों में बिल्डर ने सीवर, सड़क, नाली कार्य नहीं कराए। दूसरी तरफ अवैध कॉलोनियों में सीवर, सड़क, नाली, पार्क जैसी सुविधाओं के लिए हजारों लोग तरस रहे हैं।
केस-एक
रामबाग निवासी मनोज ने पोइया रोड स्थित एक कॉलोनी में दलाल के माध्यम से 200 गज का प्लॉट खरीदा। एडीए से कॉलोनी का नक्शा पास नहीं था। कॉलोनी को एडीए ने ध्वस्त कर दिया।
केस दो
सेवला निवासी राजीव गुप्ता ने रोहता नहर पर प्लॉट खरीद के लिए दो लाख रुपये बयाना दिया। बिना मानचित्र स्वीकृति विकसित की गई कॉलोनी को एडीए ने बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।