कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पडरौना नगर में भगवान विश्वकर्मा पूजन के अवसर पर एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई। नगर पालिका अध्यक्ष विनय जायसवाल ने सुभाष चौक पर स्थित भगवान विश्वकर्मा मूर्ति के समक्ष पूजन-अर्चना के दौरान घोषणा की कि नगर में भगवान विश्वकर्मा का सृष्टि द्वार बनवाया जाएगा। यह घोषणा विश्वकर्मा समाज, स्वर्णकार समाज, और कसेरा समाज के सम्मानित सदस्यों की मौजूदगी में की गई, जो सनातन संस्कृति और शिल्पकला के संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
विश्वकर्मा पूजन: गाजे-बाजे के साथ उत्सव
विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर सुभाष चौक में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति के समक्ष विश्वकर्मा समाज, स्वर्णकार समाज, और कसेरा समाज के सदस्यों ने गाजे-बाजे के साथ पूजन-अर्चना की। मुख्य पुजारी के रूप में पंडित अजीत शर्मा आचार्य और पंडित शिव शंकर शास्त्री विश्वकर्मा ने पूजन कराया। पूजन के बाद आरती और प्रसाद वितरण किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए।
यह पूजन भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के शिल्पकार के रूप में सम्मानित करने का प्रतीक था। भगवान विश्वकर्मा को हिंदू धर्म में वास्तुकार और शिल्पकार का देवता माना जाता है, जिन्होंने सृष्टि का निर्माण किया। इस अवसर पर समाज के सदस्यों ने भगवान विश्वकर्मा के योगदान को याद किया और उनके आशीर्वाद से नगर के विकास की कामना की।
नगर पालिका अध्यक्ष की घोषणा: सृष्टि द्वार का निर्माण
नगर पालिका अध्यक्ष विनय जायसवाल ने उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा, “भगवान विश्वकर्मा सृष्टि के शिल्पकार हैं। उनके बिना सृष्टि का विकास संभव नहीं। पडरौना नगर में उनके सम्मान में एक उचित स्थान पर सृष्टि द्वार का निर्माण किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि यह द्वार न केवल सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करेगा, बल्कि शहरवासियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र भी बनेगा।
जायसवाल ने बताया कि सृष्टि द्वार का निर्माण नगर पालिका के विकास कार्यों का हिस्सा होगा, जिसमें स्थानीय कारीगरों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह घोषणा विश्वकर्मा समाज के सदस्यों के लिए एक खुशी का पल था, जो भगवान विश्वकर्मा को अपने कुलदेवता मानते हैं।
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
विश्वकर्मा पूजन सनातन हिंदू परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो शिल्पकारों, कारीगरों, और स्वर्णकारों के लिए विशेष है। पडरौना जैसे छोटे नगरों में यह पूजन सामुदायिक एकता को मजबूत करता है। अध्यक्ष की घोषणा से स्थानीय समाज में उत्साह बढ़ा है, और उम्मीद है कि सृष्टि द्वार शहर की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊंचाई देगा।
निष्कर्ष
पडरौना में विश्वकर्मा पूजन और सृष्टि द्वार की घोषणा ने स्थानीय समुदाय में खुशी की लहर पैदा कर दी है। नगर पालिका अध्यक्ष विनय जायसवाल की यह पहल सांस्कृतिक संरक्षण और विकास का प्रतीक है। उम्मीद है कि यह द्वार भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से पडरौना को एक नया रूप देगा।