लखनऊ, (वेब वार्ता)। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ओल्ड बॉयज एसोसिएशन (AMUOBA) लखनऊ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सर सैयद डे कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 208वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस ऑगस्टिन जार्ज मसीह ने कहा, “सर सैयद का वास्तविक विचार समय के साथ शिक्षा में सुधार करना था। उनकी दूरदर्शिता ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई।”
कार्यक्रम में इंटीग्रल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. सैयद वसीम अख्तर को शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्मभूषण डॉ. कल्बे सादिक मेमोरियल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। AMUOBA की वार्षिक पत्रिका बज्म-ए-वफा का विमोचन भी हुआ।
सम्मान और पुरस्कार: उत्कृष्टता को प्रोत्साहन
AMUOBA ने कई व्यक्तियों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया:
इंजीनियर मोहम्मद ग़ुफरान मेमोरियल पुरस्कार: इज्जा सैयद को ISC परीक्षा में 99% अंक प्राप्त करने के लिए।
फखरुद्दीन अहमद मेमोरियल पुरस्कार: मोहम्मद यूनुस निगरामी को ICSE परीक्षा में 98.5% अंक प्राप्त करने के लिए।
लीजेंड ऑफ AMUOBA लखनऊ अवॉर्ड: वरिष्ठ अलीग सदस्य हिमायत हुसैन, हैदर अली जाफरी, इंजीनियर अब्दुल वहाब अंसारी और इंजीनियर मोह़ीबख्श कादरी को।
सर सैयद और AMU प्रतियोगिता:
प्रथम: हनजला (₹5,000)
द्वितीय: खदीजा (₹3,000)
तृतीय: अयान अली मेहंदी (₹2,000)
कार्यक्रम में AMUOBA के अध्यक्ष सैयद मोहम्मद शुएब, मानद सचिव शहला हक, AMU के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रोफेसर असदुल्लाह खां और अब्दुल्ला शारिक मौजूद रहे।
सर सैयद की विरासत: शिक्षा और प्रगति
जस्टिस मसीह ने सर सैयद की शिक्षा सुधारों पर जोर देते हुए कहा, “उनका सपना था कि शिक्षा समाज के हर वर्ग तक पहुंचे और समय के साथ प्रासंगिक बनी रहे। AMU इस सपने का जीवंत प्रतीक है।” प्रो. सैयद वसीम अख्तर ने कहा, “सर सैयद की सोच आज भी हमें प्रेरित करती है। शिक्षा ही प्रगति की कुंजी है।”
कार्यक्रम में सर सैयद की विरासत को आगे बढ़ाने और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान को रेखांकित किया गया। AMUOBA लखनऊ ने शिक्षा और सामाजिक प्रगति के लिए प्रतिबद्धता दोहराई।