लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा गांधीनगर, गुजरात में आयोजित पांचवें अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) (कार्यालय-2), भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, उत्तरी क्षेत्र, अलीगंज, लखनऊ को वर्ष 2024-25 के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान समिति द्वारा अपने कार्य क्षेत्र में संघ की राजभाषा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन और प्रशंसनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। सम्मेलन का आयोजन राजभाषा दिवस के उपलक्ष्य में 14 और 15 सितंबर 2025 को किया गया।
सम्मेलन में प्रशस्ति पत्र प्राप्त
सम्मेलन में नराकास (कार्यालय-2) के अध्यक्ष श्री राजिंदर कुमार, अपर महानिदेशक एवं विभागाध्यक्ष, तथा सदस्य सचिव श्री ओम प्रकाश, निदेशक एवं राजभाषा अधिकारी, ने श्रीमती अंशुल आर्या, सचिव, राजभाषा विभाग, और श्रीमती मीनाक्षी जौली, संयुक्त सचिव, से प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया। यह सम्मान केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी के प्रचार-प्रसार और राजभाषा नीति के अनुपालन में नराकास (कार्यालय-2) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
नराकास (कार्यालय-2) की भूमिका
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास) (कार्यालय-2), भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, उत्तरी क्षेत्र, अलीगंज, लखनऊ, केंद्र सरकार के कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। समिति ने न केवल आधिकारिक कार्यों में हिंदी के प्रयोग को प्रोत्साहित किया, बल्कि कर्मचारियों के बीच हिंदी में प्रशिक्षण, कार्यशालाओं, और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से राजभाषा नीति को लागू करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इसके अतिरिक्त, नराकास ने अपने कार्य क्षेत्र में विभिन्न कार्यालयों के बीच समन्वय स्थापित कर हिंदी में पत्राचार, दस्तावेजीकरण, और तकनीकी कार्यों को बढ़ावा दिया। इस सम्मान ने समिति के प्रयासों को राष्ट्रीय मंच पर मान्यता दिलाई है।
राजभाषा सम्मेलन का महत्व
अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिंदी के उपयोग को प्रोत्साहित करने और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन की समीक्षा करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इस वर्ष गांधीनगर में आयोजित सम्मेलन में देशभर के नराकास और राजभाषा अधिकारियों ने भाग लिया। सम्मेलन में हिंदी के डिजिटल उपयोग, तकनीकी क्षेत्र में हिंदी की प्रगति, और कर्मचारियों के प्रशिक्षण जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
लखनऊ नराकास (कार्यालय-2) के अध्यक्ष श्री राजिंदर कुमार ने कहा, “यह प्रशस्ति पत्र हमारी पूरी टीम की मेहनत और समर्पण का प्रतीक है। हम भविष्य में भी राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।”
निष्कर्ष: राजभाषा के प्रति समर्पण
नराकास (कार्यालय-2), भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, लखनऊ का यह सम्मान राजभाषा हिंदी के प्रति उनके समर्पण और उत्कृष्ट कार्य को दर्शाता है। यह उपलब्धि न केवल लखनऊ, बल्कि पूरे उत्तर क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। समिति ने केंद्र सरकार की राजभाषा नीति को प्रभावी ढंग से लागू कर अन्य कार्यालयों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है।




