ई पेपर
Saturday, September 13, 2025
WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक
सब्सक्राइब करें
हमारी सेवाएं

लखनऊ: नगर निगम मुख्यालय पर किसानों का धरना दूसरे दिन भी जारी, गोवंश की मौत पर मुकदमा और पशु रिहाई की मांग

लखनऊ, लक्ष्मीकांत पाठक (वेब वार्ता)। लखनऊ के हजरतगंज लालबाग स्थित नगर निगम मुख्यालय पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के बैनर तले किसानों का धरना दूसरे दिन भी शुक्रवार, 13 सितंबर 2025 को जोर-शोर से जारी रहा। सैकड़ों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की और अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया। किसानों ने नगर निगम की पशु पकड़ने वाली टीम पर गोवंश की पिटाई से हुई मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज करने और जब्त किए गए पशुओं को बिना जुर्माने के रिहा करने की मांग की। यह धरना न केवल किसानों के आक्रोश को दर्शाता है, बल्कि उनकी एकता और संकल्प को भी उजागर करता है।

धरने का माहौल: एकजुटता का प्रदर्शन

धरना स्थल पर किसानों ने सामूहिक रूप से भट्टी चढ़ाकर खाना बनाया और एक साथ भोजन किया, जो उनकी एकजुटता और सामुदायिक भावना का प्रतीक था। दिनभर नारेबाजी और रणनीति बैठकों का दौर चलता रहा। किसानों ने स्पष्ट किया कि यह धरना केवल विरोध नहीं, बल्कि उनकी एकता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन है। भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने बताया कि यदि उनकी मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो सोमवार को एक बड़ी पंचायत आयोजित की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति तय होगी।

किसानों की प्रमुख मांगें

किसानों ने अपनी दो प्रमुख मांगों को सामने रखा:

  1. गोवंश की मौत पर कार्रवाई: नगर निगम की पशु पकड़ने वाली टीम द्वारा कथित तौर पर गोवंश की पिटाई से मौके पर हुई मौत के मामले में दोषियों पर तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए।

  2. जब्त पशुओं की रिहाई: पांच किसानों के पशुओं को नगर निगम द्वारा जब्त किया गया है, जिन्हें बिना किसी जुर्माने के तुरंत रिहा किया जाए।

किसानों का कहना है कि नगर निगम की पशु कल्याण टीम ने छोटे किसानों को निशाना बनाया, जबकि अवैध डेयरियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह पक्षपातपूर्ण रवैया उनके आक्रोश का मुख्य कारण है।

रणनीति और भविष्य की योजना

धरना स्थल पर आयोजित बैठक में सोमवार को होने वाली पंचायत की तैयारियों पर चर्चा की गई। किसानों ने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। बैठक में यह भी तय किया गया कि पंचायत में बड़े स्तर पर किसानों को एकत्रित कर सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाया जाएगा।

प्रमुख नेताओं की उपस्थिति

धरने में भारतीय किसान यूनियन के कई प्रमुख नेता शामिल रहे, जिनमें शामिल हैं:

  • लखनऊ जिला अध्यक्ष: आलोक वर्मा

  • जिला महासचिव: आशीष यादव

  • नगर अध्यक्ष: मोहम्मद इमरान

  • महिला जिला अध्यक्ष: उर्मिला मौर्य

  • जिला उपाध्यक्ष: तौकीर फरहत, राजकुमार यादव

  • काकोरी ब्लॉक अध्यक्ष: श्याम बिहारी राठौर

  • नगर महामंत्री: शाह आलम

  • जिला प्रवक्ता: अजय अनमोल

  • तहसील अध्यक्ष, बख्शी तालाब: अमरेंद्र पवार

इन नेताओं के साथ सैकड़ों किसान धरने में शामिल हुए और अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिखाई।

पशु कल्याण और नगर निगम की भूमिका

किसानों का आरोप है कि नगर निगम की पशु पकड़ने वाली टीम ने छोटे किसानों को निशाना बनाया, जबकि बड़े पैमाने पर चल रही अवैध डेयरियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह मुद्दा न केवल पशु कल्याण से संबंधित है, बल्कि छोटे किसानों के आजीविका के अधिकार को भी प्रभावित करता है। गोवंश की मौत का मामला विशेष रूप से गंभीर है, क्योंकि भारत में गाय को सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से पवित्र माना जाता है।

निष्कर्ष

लखनऊ नगर निगम मुख्यालय पर चल रहा किसानों का धरना उनकी मांगों और एकजुटता का प्रतीक है। गोवंश की मौत और जब्त पशुओं की रिहाई को लेकर उनकी मांगें जायज हैं, और वे इसे लेकर दृढ़ हैं। सोमवार को प्रस्तावित पंचायत इस आंदोलन को नई दिशा दे सकती है। भारतीय किसान यूनियन ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, धरना जारी रहेगा।

Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

खबरें और भी