लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में डीबीटी के माध्यम से लाखों युवाओं के खाते में सीधे छात्रवृत्ति हस्तांतरित की। पहले चरण में 2.5 लाख से अधिक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) छात्रों को 62.13 करोड़ रुपये का लाभ मिल चुका है। द्वितीय चरण में शुक्रवार को 126.68 करोड़ रुपये की धनराशि से 4.83 लाख से अधिक छात्रों को लाभान्वित किया गया। कुल मिलाकर 5 लाख छात्रों को 188 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति वितरित होगी।
मुख्यमंत्री का संकल्प: शिक्षित युवा, विकसित भारत
मुख्यमंत्री ने कहा, “जब युवा शिक्षित होगा, तभी विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश 2047 का सपना साकार होगा। हमारा लक्ष्य है कि कोई भी प्रतिभाशाली छात्र आर्थिक अभाव के कारण शिक्षा से वंचित न रहे।” उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति वितरण प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी, और पूरी तरह डिजिटल बनाया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में पहली बार सितंबर से ही वितरण शुरू किया गया।
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा, “विभाग का बजट 2016-17 के 1295 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 3124.45 करोड़ रुपये हो गया है, जो 2.5 गुना से अधिक की वृद्धि है। छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का बजट 1092.36 करोड़ से बढ़कर 2825 करोड़ रुपये हो गया है।”
बजट में वृद्धि: योजनाओं का विस्तार
विभागीय योजनाओं के बजट में उल्लेखनीय वृद्धि:
पूर्वदशम छात्रवृत्ति: 107.33 करोड़ से 325 करोड़ रुपये।
दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति: 984.62 करोड़ से 2500 करोड़ रुपये।
विवाह अनुदान योजना: 141.55 करोड़ से 200 करोड़ रुपये।
कंप्यूटर प्रशिक्षण: 11 करोड़ से 35 करोड़ रुपये।
छात्रावास अनुरक्षण: 5 करोड़ रुपये (नया प्रावधान)।
प्रचार-प्रसार: 1 करोड़ रुपये (नया प्रावधान)।
डीबीटी से बढ़ी पारदर्शिता
छात्रवृत्ति का वितरण अब पूरी तरह ऑनलाइन और डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से आधार-संलग्न बैंक खातों में किया जा रहा है। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और त्वरितता बढ़ी है। कक्षा 9 से 12 तक के ओबीसी छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
सामाजिक और शैक्षिक प्रभाव
मुख्यमंत्री योगी की इस पहल से पिछड़े वर्ग के युवाओं को शिक्षा और आत्मनिर्भरता के नए अवसर मिलेंगे। डीबीटी के उपयोग से धनराशि सीधे लाभार्थियों तक पहुंच रही है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना समाप्त हुई है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल पिछड़े वर्ग के 5 लाख छात्रों को सशक्त बनाएगी। 188 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति और 3124 करोड़ रुपये का बजट शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को अग्रणी बनाएगा।