लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री एस.पी. गोयल ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने 7,952 आंगनबाड़ी कार्यकत्री और 61,254 आंगनबाड़ी सहायिका के रिक्त पदों पर भर्ती को निष्पक्ष, पारदर्शी, और समयबद्ध तरीके से पूरा करने का आदेश दिया। साथ ही, सक्षम आंगनबाड़ी विकास, निर्माण कार्यों में तेजी, और रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के लंबित प्रकरणों के निस्तारण पर जोर दिया।
भर्ती प्रक्रिया में समयबद्धता और पारदर्शिता
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि भर्ती प्रक्रिया के लिए समय-सारिणी निर्धारित की जाए, जिसमें प्रत्येक चरण की समय-सीमा स्पष्ट हो। भर्ती निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ हो, और सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की जाए। अपर मुख्य सचिव, महिला कल्याण श्रीमती लीना जोहरी ने बताया कि रिक्त पदों में शामिल हैं:
आंगनबाड़ी कार्यकत्री: 7,952 पद (2,123 पूर्व चयन प्रक्रिया, 306 नवसृजित केंद्र, 5,523 मिनी केंद्रों से मुख्य केंद्र में परिवर्तित)।
आंगनबाड़ी सहायिका: 61,254 पद (38,994 सेवानिवृत्ति/मृत्यु, 22,260 मिनी केंद्रों से मुख्य केंद्रों में अपग्रेड)।
कुल 69,206 रिक्त पदों को शीघ्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो रही है।
सक्षम आंगनबाड़ी और निर्माण कार्य
मुख्य सचिव ने 23,697 स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया। इसके लिए पोषण वाटिका, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, आरओ मशीन, एलईडी स्क्रीन, ईसीसीई सामग्री, बाला पेंटिंग, और माइनर सिविल वर्क्स जैसे पांच घटकों पर ध्यान दिया जाए। जिन जनपदों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, पोषण वाटिका, और बाला पेंटिंग का कार्य बाकी है, उसे जल्द पूरा करने को कहा गया।
निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्रों के कार्य में तेजी लाने और अनारंभ केंद्रों का निर्माण शुरू करने के निर्देश दिए गए। जिन जिलों में प्रगति धीमी है, वहां विशेष ध्यान देने को कहा गया।
पोषण भी, पढ़ाई भी
‘पोषण भी, पढ़ाई भी’ कार्यक्रम के तहत सभी जनपदों में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के तीन-दिवसीय प्रशिक्षण को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया गया। इससे कार्यकत्रियां बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, और प्रारंभिक शिक्षा में अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकेंगी।
रानी लक्ष्मीबाई कोष के प्रकरण
मुख्य सचिव ने रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के लंबित प्रकरणों को 31 अक्टूबर 2025 तक निस्तारित करने का आदेश दिया। उन्होंने जोर दिया कि पीड़ितों को समयबद्ध सहायता मिले, और अनावश्यक देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई हो।
उपस्थित अधिकारी
बैठक में अपर मुख्य सचिव, महिला कल्याण श्रीमती लीना जोहरी, महिला कल्याण विभाग की निदेशक श्रीमती संदीप कौर, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक सुश्री सरनीत कौर ब्रोका, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सामाजिक और प्रशासनिक महत्व
यह समीक्षा बैठक आंगनबाड़ी व्यवस्था को मजबूत करने और ग्रामीण स्तर पर पोषण, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। रिक्त पदों की भर्ती और सक्षम आंगनबाड़ी का विकास मातृ-शिशु कल्याण को बढ़ावा देगा।
निष्कर्ष
मुख्य सचिव श्री एस.पी. गोयल के निर्देशों से उत्तर प्रदेश में आंगनबाड़ी सेवाएं अधिक प्रभावी होंगी। भर्ती प्रक्रिया और सक्षम आंगनबाड़ी के विकास से ग्रामीण समुदायों को लाभ मिलेगा।