Saturday, October 4, 2025
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कुशीनगर: किशोर की हत्या का खुलासा, चार अभियुक्त गिरफ्तार, पूर्व प्रधानाध्यापक ने कबूला गुनाह

कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के हाटा कोतवाली क्षेत्र में संस्कृत विद्या प्रबोधिनी पाठशाला के छात्रावास में एक किशोर की हत्या के मामले में पुलिस ने मंगलवार को चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया। इस जघन्य हत्याकांड में पूर्व प्रधानाध्यापक प्रभुनाथ पाण्डेय मुख्य अभियुक्त निकला, जिसने किशोर के साथ अनैतिक संबंध बनाने की कोशिश की थी और विरोध करने पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी।

घटना का विवरण

पुलिस के अनुसार, 12 सितंबर 2025 को अब्दुल हमीदनगर स्थित संस्कृत विद्या प्रबोधिनी पाठशाला के छात्रावास में एक किशोर की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई थी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और थाना कोतवाली हाटा में मु.अ.सं. 513/2025 के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और मामले के शीघ्र अनावरण के लिए हाटा पुलिस, स्वाट, और सर्विलांस की संयुक्त टीमों का गठन किया।

मंगलवार को पुलिस की संयुक्त टीम ने गहन जांच और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर इस हत्याकांड का खुलासा किया और चार अभियुक्तों—प्रभुनाथ पाण्डेय (पूर्व प्रधानाध्यापक), अवधेश कुमार द्विवेदी (वर्तमान प्रधानाध्यापक), और प्रभुनाथ के दो पुत्रों शिवनाथ पाण्डेयरामनाथ पाण्डेय—को गिरफ्तार कर लिया।

अभियुक्त का कबूलनामा

अपर पुलिस अधीक्षक निवेश कटियार ने पत्रकारों को बताया कि मुख्य अभियुक्त प्रभुनाथ पाण्डेय ने पूछताछ में कबूल किया कि उसने 11-12 सितंबर की रात को किशोर के साथ अनैतिक संबंध बनाने की कोशिश की थी। किशोर ने इसका विरोध किया और शिकायत करने की धमकी दी, जिसके डर से प्रभुनाथ ने उसका गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए प्रभुनाथ ने शव को सीढ़ी के पास ले जाकर धोती से फंदा बनाकर लटका दिया। बाद में उसने घटना में प्रयुक्त धोती को बदल दिया ताकि सबूत मिटाए जा सकें।

इस अपराध को आत्महत्या का रूप देने में प्रभुनाथ की मदद अवधेश कुमार द्विवेदी, शिवनाथ पाण्डेय, और रामनाथ पाण्डेय ने की। अभियुक्तों ने परिजनों और पुलिस को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की कि किशोर ने स्वयं फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों, जैसे मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज, और स्थानीय गवाहों के बयानों के आधार पर अभियुक्तों को पकड़ा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी गला दबाने से मृत्यु की पुष्टि हुई, जिसने आत्महत्या की थ्योरी को खारिज कर दिया। पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक साजिश) सहित अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

सामाजिक आक्रोश और स्कूल की स्थिति

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने स्कूल प्रशासन पर सवाल उठाए हैं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। संस्कृत विद्या प्रबोधिनी पाठशाला एक प्रतिष्ठित संस्थान रहा है, लेकिन इस घटना ने इसकी साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने स्कूल में सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की मांग की है।

निष्कर्ष

कुशीनगर के इस हत्याकांड ने न केवल एक मासूम किशोर की जिंदगी छीन ली, बल्कि शैक्षिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों की नैतिकता पर भी सवाल उठाए हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और अभियुक्तों की गिरफ्तारी से कुछ हद तक न्याय की उम्मीद जगी है। हालांकि, इस घटना ने समाज में गहरे नैतिक और सामाजिक मुद्दों को उजागर किया है, जिन पर गंभीर विचार-विमर्श की आवश्यकता है।

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