कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले की पुलिस ने जिले में सक्रिय शातिर और संगीन अपराधियों पर नकेल कसने का बड़ा ऑपरेशन शुरू किया है। पुलिस विशेष रूप से उन अपराधियों की पहचान और पैनी नजर रखने में जुटी है जिनका बिहार और नेपाल के बाहरी गैंग्स से सीधा संपर्क है और जो जिले की कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।
पुलिस की छानबीन में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पता चला है कि हाल ही में हुई घटनाओं के अलावा, बीते 5 से 10 वर्षों में हुए संगीन अपराधों में भी इन्हीं शातिर अपराधियों की प्रमुख भूमिका रही है। इन अपराधियों का एक बड़ा नेटवर्क है जो मौका देखकर जिले में घटनाओं को अंजाम देता है।
पुलिस की स्ट्रैटजी: ‘कुंडली’ तैयार करना
इस चुनौती से निपटने के लिए पुलिस ने एक व्यवस्थित रणनीति अपनाई है। पुलिस द्वारा बीते एक दशक में सक्रिय अपराधियों को चिन्हित कर उनकी विस्तृत ‘कुंडली’ तैयार की जा रही है। इस कुंडली में निम्नलिखित बिंदुओं पर गहन नजर रखी जा रही है:
कौन सा अपराधी, कब और किस घटना में शामिल था?
उसके खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई हुई?
वह वर्तमान में जेल में है या जमानत पर बाहर है?
जमानत लेने वाले लोग कौन हैं?
अपराधियों की वर्तमान स्थिति और गतिविधियाँ क्या हैं?
थानावार चिन्हित किए गए हैं दस-दस अपराधी
जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन के तहत हर थाना क्षेत्र से दस-दस सबसे शातिर और सक्रिय अपराधियों को चिन्हित किया गया है। इन सभी पर थाना प्रभारियों के साथ-साथ इस ऑपरेशन के लिए गठित विशेष पुलिस टीमों की भी पैनी नजर है।
अपराधियों के संपर्कों पर भी है नजर
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस की नजर सिर्फ अपराधियों पर ही नहीं, बल्कि उन लोगों पर भी है जो लगातार इन अपराधियों के संपर्क में रहते हैं। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ये शातिर अपराधी अपने अगले अपराध को अंजाम देने में कामयाब न हो सकें।
पुलिस का मानना है कि इस सख्त और व्यवस्थित निगरानी अभियान के चलते जल्द ही ये सभी शातिर अपराधी सलाखों के पीछे होंगे और जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति और मजबूत होगी।