कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में पशुओं में तेजी से फैल रही लम्पी स्किन बीमारी को लेकर पशुपालकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। जिले में तैनात निशुल्क डायल 1962 के पशु चिकित्सक डॉ. अनूप राव और उनके सहयोगी रवि गौतम ने पशुपालकों को जागरूक करते हुए इस बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय बताए।
लम्पी बीमारी के लक्षण और फैलाव
डॉक्टर अनूप राव ने बताया कि लम्पी रोग एक संक्रामक बीमारी है जो पशुओं के बीच मच्छर, मक्खी और अन्य कीटों के माध्यम से तेजी से फैलती है। इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
पशुओं के शरीर पर गांठे और सूजन
तेज बुखार
दूध उत्पादन में कमी
आंख और नाक से स्राव होना
चलने-फिरने में दिक्कत
पशु को बैठने में कठिनाई
समय पर इलाज न मिलने पर यह बीमारी पशु की मृत्यु का कारण भी बन सकती है।
बचाव के महत्वपूर्ण उपाय
पशु चिकित्सक ने कहा कि पशुओं को मच्छरों और मक्खियों से बचाना बेहद आवश्यक है। बीमार पशु को अन्य पशुओं से अलग रखना चाहिए और साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। साथ ही समय-समय पर पशु चिकित्सक से संपर्क कर वैक्सीनेशन कराना भी जरूरी है। विभाग की ओर से रोग से बचाव हेतु वैक्सीन की व्यवस्था की गई है, इसलिए पशुपालक अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय जाकर तुरंत टीकाकरण कराएं।
जिला पशु चिकित्सा अधिकारी की अपील
कुशीनगर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. रविंद्र प्रसाद ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि जिले में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है और पशुपालकों को लम्पी रोग के बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। 1962 डायल के माध्यम से गांव-गांव कैंप लगाकर इस बीमारी से बचाव के उपाय बताए जा रहे हैं।
पशुपालकों से अनुरोध है कि किसी भी लक्षण की स्थिति में तुरंत अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या 1962 डायल पर संपर्क करें ताकि समय पर उचित उपचार हो सके और पशु सुरक्षित रह सकें।