कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में बांसी नदी का पुनरुद्धार अब हकीकत बनने को तैयार है। स्थानीय कहावत “सौ काशी ने एक बांसी” और भगवान श्रीराम से जुड़ी धार्मिक महत्व वाली इस नदी को जीवंत करने के लिए जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने माइक्रो प्लान तैयार किया है। 114 किमी लंबी नदी को सेक्टरों में विभाजित कर कार्य योजना बनाई गई है। 6 करोड़ 22 लाख रुपये के डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को शीघ्र शासन को भेजा जाएगा। बुधवार को अधिकारियों और ग्राम प्रधानों के साथ बैठक में योजना को अंतिम रूप दिया गया।
माइक्रो प्लान: सेक्टर विभाजन और कार्य योजना
जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि बांसी नदी की लंबाई 114 किमी है। इसे सिंचाई खंड 2 (0 से 60 किमी) और बाढ़ खंड (60 से 114 किमी) में विभाजित किया गया है। ड्रोन कैमरे से लिए गए वीडियो का उपयोग कर नदी की स्थिति का आकलन किया गया। तंवर ने कहा, “अधिकारियों और ग्राम प्रधानों को जोड़कर योजना साझा की गई। आमजन को अभियान का हिस्सा बनाया जाएगा। डीपीआर की गहन जांच के बाद शासन को भेजा जाएगा, ताकि धन स्वीकृति होते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हो।”
बांसी नदी का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
बांसी नदी कुशीनगर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह भगवान राम से जुड़ी है और स्थानीय लोककथाओं में “सौ काशी ने एक बांसी” की प्रसिद्धि है। नदी का पुनरुद्धार न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और धार्मिक पर्यटन को भी मजबूत करेगा। तंवर ने कहा, “नदी में जलकुंभी जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए कारकों का विश्लेषण किया जाएगा।”
बजट और फंडिंग
योजना के लिए 6 करोड़ 22 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित है। टाइड फंड से प्राप्त 2 करोड़ रुपये में से 1.5 करोड़ बांसी नदी के पुनरुद्धार के लिए और 50 लाख हिरण्यवती नदी के लिए आवंटित होंगे। ग्राम प्रधानों को टाइड फंड से कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्राम प्रधानों और अधिकारियों की भूमिका
बैठक में अधिकारियों और ग्राम प्रधानों ने योजना पर सुझाव दिए। डीएम ने आमजन को अभियान में शामिल करने पर जोर दिया। ग्राम प्रधानों ने नदी सफाई और वृक्षारोपण जैसे कार्यों में सहयोग का आश्वासन दिया।
निष्कर्ष
कुशीनगर में बांसी नदी का पुनरुद्धार जिले के विकास और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम है। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर की पहल से नदी जीवंत हो जाएगी।