कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। जिले की 57 ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायकों के पद महीनों से रिक्त पड़े हैं, जिसके चलते न केवल ग्राम पंचायतों का कामकाज प्रभावित हुआ है बल्कि ग्रामीणों को भी आधारभूत सुविधाएं पाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। विकास कार्य पूरी तरह से ठप्प हो गए हैं।
जिले में कुल 980 ग्राम पंचायतें हैं, जहां पंचायत भवनों को कंप्यूटर, इन्वर्टर, फर्नीचर आदि से सुसज्जित कर एक ‘मॉडल पंचायत भवन’ का रूप दिया गया था। इन भवनों में कंप्यूटर के माध्यम से ग्रामीणों को परिवार रजिस्टर की नकल, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी आवश्यक दस्तावेज बनवाने की सुविधा उपलब्ध कराने की मुख्य जिम्मेदारी पंचायत सहायकों की ही होती है।
इसके अलावा, पंचायती राज विभाग से संबंधित गांव में होने वाले विकास कार्यों की मॉनीटरिंग और कामकाज को चलाने की जिम्मेदारी भी पंचायत सहायक को ही दी गई है। लेकिन 57 पंचायतों में सहायकों के पद खाली होने के कारण यह सारी व्यवस्था चरमरा गई है।
ग्रामीणों को उठानी पड़ रही मुश्किलें
इस समस्या का सीधा असर ग्रामीणों पर पड़ रहा है। अब उन्हें एक छोटा सा प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी दूर स्थित ब्लॉक कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं, जिसमें उनका समय और पैसा दोनों खर्च होता है। साथ ही, शासन की ओर से संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी भी ग्रामीणों को समय पर नहीं मिल पाती है।
त्यागपत्र और कम मानदेय है मुख्य वजह
पंचायती राज विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस पद पर मिलने वाले कम मानदेय को लेकर पंचायत सहायकों में नाराजगी प्रमुख कारण है। नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान कई सहायकों ने जॉइनिंग तो कर ली, लेकिन बाद में त्यागपत्र दे दिया। वहीं, कुछ सहायकों को अन्य विभागों में बेहतर नौकरी मिल जाने के कारण उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया।
क्या है नियुक्ति की नई प्रक्रिया?
नये निर्देशों के अनुसार, अब गांव स्तर पर सचिव व प्रधान द्वारा गठित एक कमेटी नये पंचायत सहायकों का चयन करेगी। इस प्रक्रिया की शुरुआत के लिए प्रधान को सबसे पहले डीपीआरओ कार्यालय में आवेदन देना होगा कि उन्होंने गांव में चयन समिति का गठन कर लिया है। डीपीआरओ के अनुमोदन के बाद चयन प्रक्रिया पूरी कर नये सहायक की विस्तृत जानकारी जिलाधिकारी के अनुमोदन हेतु भेजनी होगी।
“शीघ्र भरे जाएंगे रिक्त पद” : डीपीआरओ
इस संबंध में जिले के डीपीआरओ आलोक कुमार प्रियदर्शी ने बताया, “रिक्त पदों को भरने के लिये ग्राम पंचायतों से चयन की सूची मांगी गई है। प्रधानों को चयन प्रक्रिया पूरी कर सूची भेजनी चाहिए। जिलाधिकारी द्वारा अनुमोदन प्रदान करने के बाद रिक्त पदों पर नये पंचायत सहायकों को तैनात किया जायेगा।”
हालांकि, सवाल यह उठता है कि जब तक यह प्रक्रिया पूरी होती है, तब तक इन 57 गांवों के विकास कार्य और ग्रामीणों की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं।