लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग ने विश्व फिजियोथैरेपी दिवस 2025 को उत्साहपूर्वक मनाया। इस अवसर पर विभाग के पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर (पीआरसी) की उपलब्धियों को रेखांकित किया गया और फिजियोथेरेपी के छात्रों के लिए पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन प्रशिक्षण को अनिवार्य करने की घोषणा की गई। कार्यक्रम में 200 से अधिक चिकित्सकों, फिजियोथेरेपिस्टों और छात्रों ने भाग लिया।
पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर: निःशुल्क सुविधाएँ और उपलब्धियाँ
विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि केजीएमयू का रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग उत्तर प्रदेश का पहला पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर संचालित करता है। इस सेंटर पर सांस के रोगियों को निःशुल्क फिजियोथेरेपी प्रदान की जाती है, जिससे उनके फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और वे बिना सांस फूले दैनिक कार्य कर सकते हैं।
डॉ. सूर्यकान्त ने अपने व्याख्यान में कहा:
“ना पर्चा, ना चर्चा, ना खर्चा – रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन की सुविधा पूरी तरह निःशुल्क है।”
उन्होंने बताया कि अब तक 2000 से अधिक मरीजों को इस सेंटर पर निःशुल्क उपचार मिल चुका है। मरीजों की सुविधा के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह की सेवाएँ उपलब्ध हैं।
कुलपति की सराहना और नई घोषणा
कार्यक्रम का उद्घाटन केजीएमयू की माननीय कुलपति डॉ. (प्रो.) सोनिया नित्यानंद (पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त) ने किया। उन्होंने पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर की प्रशंसा करते हुए कहा कि नैक की टीम ने भी इस सेंटर की सराहना की थी। कुलपति ने इस उपलब्धि के लिए डॉ. सूर्यकान्त और उनकी टीम को बधाई दी।
डॉ. सोनिया नित्यानंद ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि अब फिजियोथेरेपी के छात्रों के लिए पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन में 2 सप्ताह का प्रशिक्षण अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा:
“पल्मोनरी फिजियोथेरेपी के बिना फिजियोथेरेपी का कोर्स अधूरा है। यह प्रशिक्षण छात्रों को सांस के रोगियों की बेहतर देखभाल के लिए तैयार करेगा।”
पैरामेडिकल डीन और प्रशिक्षण की रूपरेखा
पैरामेडिकल के डीन डॉ. के.के. सिंह ने बताया कि पल्मोनरी फिजियोथेरेपी के बिना फिजियोथेरेपी का प्रशिक्षण अधूरा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही आदेश पारित किया जाएगा। डॉ. सूर्यकान्त ने इस पहल के लिए कुलपति और डॉ. के.के. सिंह का आभार व्यक्त किया।
पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर के सह-प्रभारी डॉ. अंकित कुमार ने बताया कि 2 सप्ताह के प्रशिक्षण में छात्रों को सांस के रोगियों के फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक व्यायाम और तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
विशेषज्ञों के व्याख्यान और विचार
कार्यक्रम में राम मनोहर लोहिया अस्पताल के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार वर्मा ने स्वस्थ जीवन में पल्मोनरी फिजियोथेरेपी के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही, डॉ. पूनम तिवारी ने स्वस्थ जीवन में पोषण की भूमिका पर प्रकाश डाला।
पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर की टीम
पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर में डॉ. शिवम श्रीवास्तव, डॉ. प्रकृति मिश्रा, दिव्यानी गुप्ता और पवन कुमार पाण्डेय की चार सदस्यीय टीम कार्यरत है। यह टीम मरीजों को निःशुल्क फिजियोथेरेपी सेवाएँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
अन्य उपस्थित गणमान्य
कार्यक्रम में केजीएमयू के डॉ. आर.ए.एस. कुशवाहा, डॉ. दर्शन के. बाजाज, डॉ. आनंद श्रीवास्तव, डॉ. ज्योति बाजपेयी, सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च की डॉ. मिनाक्षी तिवारी, डॉ. बंदना चक्रवर्ती, डॉ. निशा मणी पाण्डे, डॉ. अरविंद कुमार, डॉ. विवेक गुप्ता, डॉ. अभिषेक आर्या, हिंद इंस्टीट्यूट की वाइस डीन ऑफ पैरामेडिकल डॉ. सुबिया हस्सन और सैफई मेडिकल कॉलेज की फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. अंजली अग्रवाल ने भी अपने विचार साझा किए।
विश्व फिजियोथैरेपी दिवस 2025 का थीम
विश्व फिजियोथैरेपी दिवस 2025 का थीम “स्वस्थ वृद्धावस्था और कमजोरी व गिरने की रोकथाम” था। यह थीम बुजुर्गों में गतिशीलता, स्वतंत्रता और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ावा देने पर केंद्रित थी। केजीएमयू का पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर इस थीम के अनुरूप सांस के रोगियों को स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीने में मदद कर रहा है।
निष्कर्ष
केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग द्वारा विश्व फिजियोथैरेपी दिवस 2025 का आयोजन न केवल पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन की महत्ता को रेखांकित करता है, बल्कि निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। फिजियोथेरेपी छात्रों के लिए नया प्रशिक्षण कार्यक्रम और निःशुल्क सुविधाएँ सांस के रोगियों के लिए एक वरदान साबित होंगी।