जौनपुर, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में वाराणसी-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिहीपुर गांव के पास सोमवार तड़के एक भीषण बस दुर्घटना में छत्तीसगढ़ के चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि छह अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब अयोध्या से वाराणसी जा रही एक डबल-डेकर स्लीपर बस ने ओवरटेक करने के प्रयास में एक ट्रेलर से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। मृतक और घायल छत्तीसगढ़ के कांकेर और राजनांदगांव जिलों के निवासी थे।
हादसे का विवरण: ओवरटेकिंग के दौरान टक्कर
जौनपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ ने बताया कि हादसा सुबह करीब 5 बजे सिहीपुर क्रॉसिंग के पास हुआ। बस में लगभग 50 यात्री सवार थे, जो अयोध्या में रामलला के दर्शन के बाद श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए वाराणसी जा रहे थे। बस चालक दीपक (40) ने ट्रेलर को ओवरटेक करने की कोशिश की, लेकिन नियंत्रण खो देने से बस ट्रेलर से जा टकराई। इस हादसे में चालक दीपक सहित आशा भवाल (40), रेखा बर्निक (55), और गुलाब साहू (27) की मौके पर ही मौत हो गई।
स्थानीय लोगों और पुलिस ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को जौनपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। नौ घायलों में से छह की हालत गंभीर बताई जा रही है। शेष यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था की गई। पुलिस ने बस (CG07CT4681) और ट्रेलर (BR28GD1475) को जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
छत्तीसगढ़ सरकार का शोक और सहायता का आश्वासन
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “जौनपुर में हुए इस हादसे ने हमें झकझोर दिया है। गौमाता की तीर्थयात्रा पर गए हमारे भाइयों-बहनों की मृत्यु अत्यंत दुखद है।” साय ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। छत्तीसगढ़ सरकार उत्तर प्रदेश प्रशासन के साथ समन्वय कर घायलों के इलाज और अन्य यात्रियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कर रही है।
श्रद्धालु 7 सितंबर को अमरकंटक, मैहर देवी, चित्रकूट, वृंदावन, और अयोध्या की तीर्थयात्रा पर निकले थे और वाराणसी के लिए रवाना हुए थे, जब यह हादसा हुआ।
सड़क सुरक्षा पर सवाल
यह हादसा जौनपुर जिले में हाल के महीनों में हुई कई सड़क दुर्घटनाओं की कड़ी में शामिल है। पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ ने बताया कि जिला प्रशासन ने हाल ही में सड़क सुरक्षा अभियान शुरू किया था, जिसमें चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई थी। इसके बावजूद, इस हादसे ने सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के पालन की आवश्यकता को फिर से रेखांकित किया है। प्रारंभिक जांच में चालक की लापरवाही को हादसे का कारण माना जा रहा है, लेकिन यांत्रिक खराबी की संभावना की भी जांच की जा रही है।
निष्कर्ष: तीर्थयात्रा का दुखद अंत
यह हादसा एक पवित्र तीर्थयात्रा को मातम में बदलने वाला साबित हुआ। जौनपुर प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश सरकारें इस मामले में तालमेल बनाकर प्रभावितों की मदद कर रही हैं। यह घटना सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और यातायात नियमों के सख्ती से पालन की आवश्यकता को दर्शाती है।