हरदोई, क़मर खान (वेब वार्ता)। हरदोई के बिलग्राम शरीफ में 382वां सालाना उर्से वाहिदी ताहिरी का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें देश-विदेश से हजारों जायरीन शामिल हुए। इस पवित्र अवसर पर उतरौला विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी हसीब खान ने भी बिलग्राम शरीफ पहुंचकर मजार पर हाजिरी दी और मुल्क में अमन-चैन व आपसी भाईचारे की दुआएं मांगीं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस उर्स के मौके पर एक पत्र जारी कर मुबारकबाद पेश की।
बिलग्राम शरीफ में उर्से वाहिदी ताहिरी का भव्य आयोजन
बिलग्राम शरीफ में आयोजित उर्से वाहिदी ताहिरी के दौरान दोपहर 2:00 बजे कुल शरीफ का एतमाम हुआ। इस अवसर पर महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, उड़ीसा, कोलकाता, बेंगलुरु, सूरत, अहमदाबाद, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा सहित देश-विदेश से आए जायरीन ने शिरकत की। सैयद अब्दुल वाहिद बिलग्रामी रहमतुल्लाह अलैह की मजार पर हाजिरी देने और दुआएं मांगने के लिए हजारों लोग एकत्र हुए। पूरा माहौल आध्यात्मिकता और भक्ति से सराबोर रहा।
हसीब खान ने मांगी मुल्क की तरक्की की दुआ
उतरौला विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी हसीब खान ने उर्स में शामिल होकर सैयद रिजवान मियां और सैयद सुहेल मियां से मुलाकात की और उनकी दुआएं लीं। उन्होंने सैयद अब्दुल वाहिद बिलग्रामी की मजार पर चादर चढ़ाई और अपने चाहने वालों के लिए दुआएं मांगी। हसीब खान ने कहा, “जब ऐसे बुजुर्गों की बारगाह में हाजिरी का मौका मिलता है, तो दुआएं कबूल होती हैं। आज जो कुछ भी मैं हूँ, वह इन बुजुर्गों की दुआओं की वजह से है। इन दुआओं के कारण दुश्मन मिलकर भी कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाते। अल्लाह इन बुजुर्गों के सदके में कभी मायूस नहीं होने देता।”
हसीब खान ने विशेष रूप से देश में अमन-चैन, आपसी भाईचारा और तरक्की की दुआ मांगी। उनके साथ उतरौला क्षेत्र के कई जायरीन और मुरीद भी इस उर्स में शामिल हुए, जिनमें अनवर खान, इब्राहिम खान, बिलाल, अनस खान, आमिल वाहिदी, अल्ताफ काजी, सुहेब, आरज़ू, मिस्बाह, नूरी संगम, रब्बू, नवाज, जावेद खान आदि शामिल थे। सभी ने मजार पर हाजिरी दी और मुल्क की खुशहाली के लिए दुआएं की।
अखिलेश यादव ने दी मुबारकबाद
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उर्से वाहिदी ताहिरी के अवसर पर एक पत्र जारी कर बिलग्राम शरीफ के आयोजन को मुबारकबाद दी। उनके इस संदेश ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया। यह पत्र जायरीन के बीच चर्चा का विषय रहा और समाजवादी पार्टी के नेताओं की आध्यात्मिक और सामाजिक एकता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बिलग्राम शरीफ: आध्यात्मिकता का केंद्र
बिलग्राम शरीफ उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिकता और सूफी परंपरा का एक प्रमुख केंद्र है। सैयद अब्दुल वाहिद बिलग्रामी की मजार हर साल लाखों जायरीन को आकर्षित करती है। यह उर्स न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। इस आयोजन में विभिन्न राज्यों और देशों से आए लोगों ने एकजुट होकर सूफी संत की शिक्षाओं को याद किया और उनके दिखाए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।
उर्स का महत्व: एकता और भाईचारे का संदेश
उर्से वाहिदी ताहिरी का आयोजन हर साल बिलग्राम शरीफ में सूफी संत सैयद अब्दुल वाहिद बिलग्रामी की याद में किया जाता है। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विभिन्न समुदायों को एक मंच पर लाकर सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देता है। इस साल के उर्स में भी जायरीन ने एकता, शांति और भाईचारे का संदेश दिया।
हरदोई के इस आयोजन ने एक बार फिर साबित किया कि बिलग्राम शरीफ की आध्यात्मिक विरासत आज भी उतनी ही जीवंत है। हसीब खान जैसे नेताओं की भागीदारी ने इस आयोजन को और अधिक प्रासंगिक बनाया।