लखनऊ/हरदोई, लक्ष्मीकांत पाठक (वेब वार्ता)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हरदोई के शाहाबाद में रवि राजपूत की पुलिस हिरासत में हुई संदिग्ध मौत को लेकर उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार और प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इस घटना को “हत्या” करार देते हुए सभी दोषियों के लिए कठोरतम सजा की मांग की है। अखिलेश ने अपने X पोस्ट में इस घटना से संबंधित एक वीडियो साझा करते हुए इसे पुलिस की क्रूरता और प्रशासन की असंवेदनशीलता का ताजा उदाहरण बताया।
अखिलेश यादव का बयान
अखिलेश यादव ने X पर एक वीडियो के साथ पोस्ट किया, जिसमें शाहाबाद पुलिस स्टेशन के सामने रवि राजपूत की हिरासत में मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन दिखाया गया। उन्होंने लिखा:
“हिरासत में मौत का रिकॉर्ड बनानेवाला उप्र का शासन-प्रशासन किस हद तक असंवेदनशील है, इसका नया उदाहरण अब हरदोई से आया है। हिरासत में मौत दरअसल ‘हत्या’ के बराबर होती है। सभी संलिप्त लोगों को कठिन से कठिन सजा मिलनी चाहिए।”
– अखिलेश यादव
हिरासत में मौत का रिकॉर्ड बनानेवाला उप्र का शासन-प्रशासन किस हद तक असंवेदनशील है, इसका नया उदाहरण अब हरदोई से आया है।
हिरासत में मौत दरअसल ‘हत्या’ के बराबर होती है। सभी संलिप्त लोगों को कठिन से कठिन सज़ा मिलनी चाहिए। pic.twitter.com/97wDE8yXJH
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 1, 2025
यह बयान स्पष्ट रूप से हरदोई के शाहाबाद में 31 अगस्त 2025 को रवि राजपूत की हिरासत में हुई मौत की घटना की ओर इशारा करता है, जिसने व्यापक विवाद और विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया।
रवि राजपूत हिरासत में मौत की घटना
31 अगस्त 2025 को हरदोई के शाहाबाद पुलिस स्टेशन में 20 वर्षीय रवि राजपूत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, रवि को 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ भागने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। पुलिस का दावा है कि रवि ने थाने के शौचालय में आत्महत्या कर ली। हालांकि, रवि के परिजनों और स्थानीय लोगों ने इसे पुलिस की क्रूरता और हत्या का मामला बताया। इसके विरोध में ग्रामीणों ने शाहाबाद पुलिस स्टेशन के बाहर रवि का शव रखकर प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर दी। अखिलेश यादव द्वारा साझा किया गया वीडियो भी इसी विरोध प्रदर्शन का है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
इस घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक सब-इंस्पेक्टर वरुण शुक्ला को निलंबित कर दिया और शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की। हरदोई के पुलिस अधीक्षक (SP) नीरज जदौन ने बताया कि रवि की मौत के कारणों की जांच के लिए एक समिति गठित की गई है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ, और क्षेत्र में तनाव बना हुआ है।
उत्तर प्रदेश में हिरासत में मौतों का बढ़ता ग्राफ
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में हिरासत में मौतों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई है। उन्होंने पहले भी 2021 में 451 और 2022 में 501 हिरासत में मौतों का उल्लेख करते हुए बीजेपी सरकार पर पुलिस उत्पीड़न को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। हाल के वर्षों में लखनऊ में मोहित पांडे और संभल में हुई हिरासत में मौतों ने भी इस मुद्दे को और गंभीर बनाया है। हरदोई की यह घटना इस कड़ी में एक और दुखद अध्याय जोड़ती है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने सोशल मीडिया पर तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। X पर कई यूजर्स ने अखिलेश यादव के बयान का समर्थन करते हुए पुलिस सुधारों और कठोर कार्रवाई की मांग की है। बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती और कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने भी उत्तर प्रदेश में हिरासत में मौतों को लेकर बीजेपी सरकार की आलोचना की है। मायावती ने विशेष रूप से हरदोई की इस घटना पर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
निष्कर्ष
हरदोई के शाहाबाद में रवि राजपूत की हिरासत में मौत ने उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत की कार्यप्रणाली और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अखिलेश यादव द्वारा साझा किया गया वीडियो और उनका बयान इस घटना को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना रहा है। निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई से ही इस मामले में न्याय सुनिश्चित हो सकता है।