हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। रक्षाबंधन के मौके पर शाहाबाद कस्बे में शनिवार सुबह यातायात नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ती नज़र आईं। नगर के मुख्य मार्ग पर एक डबल डेकर बस की छत पर कई यात्री बैठे देखे गए। यह खतरनाक सफ़र न केवल यात्रियों की जान को जोखिम में डाल रहा था, बल्कि यातायात कानून का भी स्पष्ट उल्लंघन था।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस शाहाबाद से होकर हरदोई जा रही थी। छत पर बैठे यात्रियों में बच्चे और बुज़ुर्ग भी शामिल थे। थोड़ी सी असावधानी या झटका लगने पर बड़ा हादसा हो सकता था। गौरतलब है कि यह डबल डेकर बसों का संचालन प्राइवेट तौर पर हरदोई जिले के विभिन्न स्थानों से दिल्ली के बीच किया जा रहा।
नियम क्या कहते हैं?
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 123 के तहत किसी भी यात्री वाहन की छत पर सवारियां बैठाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर वाहन चालक और संचालक पर जुर्माना, लाइसेंस निलंबन और वाहन जब्ती तक की कार्रवाई का प्रावधान है। साथ ही, यह कृत्य भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 336, 337 और 338 के अंतर्गत ‘मानव जीवन को खतरे में डालने’ के अपराध में भी आता है।
प्रशासन की अनदेखी
स्थानीय लोगों का कहना है कि त्योहारों के समय ऐसी बसें अक्सर ओवरलोड होकर चलती हैं, लेकिन यातायात पुलिस और परिवहन विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं करता। शाहाबाद में सुबह खुलेआम यह नज़ारा दिखने के बावजूद मौके पर कोई पुलिस कर्मी हस्तक्षेप करता नहीं दिखा। इस प्रकार से यातायात नियमों के उल्लघंन पर तमाम समाजसेवी लोगों ने मांग की है कि ऐसे वाहन संचालकों पर तुरंत सख़्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में यात्रियों की सुरक्षा से खिलवाड़ न हो सके।