हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के हरपालपुर थाना क्षेत्र में दो पुलिसकर्मियों की भ्रष्टाचार भरी करतूतों का पर्दाफाश होने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। रिश्वत मांगने और जानकारी छिपाने के आरोप में पुलिस अधीक्षक (एसपी) अशोक कुमार मीणा ने उपनिरीक्षक विजय शुक्ला और आरक्षी प्रतीक कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। दोनों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
आरोपों का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरक्षी प्रतीक कुमार यादव (पीएनओ-182353508) पर एक शिकायतकर्ता को डराने-धमकाने और उससे उत्कोच (रिश्वत) की मांग करने का गंभीर आरोप लगा है। वहीं, उपनिरीक्षक विजय शुक्ला (पीएनओ-231061939) पर आरोप है कि उन्हें आरक्षी की इस करतूत की जानकारी होने के बावजूद उन्होंने उच्चाधिकारियों को सूचना नहीं दी, बल्कि उसके कृत्य में सहयोग किया।
क्षेत्राधिकारी हरपालपुर की जांच रिपोर्ट में दोनों की भूमिका संदिग्ध पाई गई। रिपोर्ट के आधार पर एसपी नीरज जादौन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को निलंबित कर दिया। विभागीय जांच में इन आरोपों की गहराई से जांच की जाएगी।
एसपी का संदेश: भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
एसपी अशोक कुमार मीणा ने कहा, “भ्रष्टाचार या कर्तव्यहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी, चाहे वह किसी भी स्तर का अधिकारी या कर्मचारी क्यों न हो। पुलिस का कर्तव्य जनता की सेवा और सुरक्षा है, न कि उत्पीड़न का।” उन्होंने सभी थानों को निर्देश दिए हैं कि शिकायतों पर त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई हो।
सामाजिक प्रतिक्रिया
यह कार्रवाई स्थानीय स्तर पर सराही गई है। एक शिकायतकर्ता ने कहा, “पुलिस का रौब दिखाकर रिश्वत मांगना आम समस्या थी। एसपी साहब की कार्रवाई से विश्वास बढ़ा है।” ग्रामीणों ने पुलिस सुधार की मांग की।
निष्कर्ष
हरपालपुर थाने में भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने से पुलिस विभाग में सतर्कता बढ़ गई है। पुलिस अधीक्षक हरदोई अशोक कुमार मीणा की त्वरित कार्रवाई ने निलंबन के जरिए एक मिसाल कायम की। उम्मीद है कि विभागीय जांच से दोषियों को सजा मिलेगी।