हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। हरदोई में ओबीसी महासभा ने सोमवार को तहसील मुख्यालय पर एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। महासभा के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार संध्या सिंह को 23 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। इस मांगपत्र में जातिगत जनगणना, कॉलेजियम सिस्टम समाप्त करने, बैकलॉग भर्ती, और विद्यालय मर्जर नीति को खत्म करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की गई। महासभा ने चेतावनी दी कि यदि मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो संगठन बड़े आंदोलन की रणनीति बनाएगा।
23 सूत्रीय मांगपत्र: प्रमुख मांगें
ओबीसी महासभा ने अपने मांगपत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय की सामाजिक, शैक्षिक, और आर्थिक स्थिति को बेहतर करने पर केंद्रित हैं। प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
जातिगत जनगणना: देश में सभी वर्गों की सटीक जनसंख्या और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति जानने के लिए जातिगत जनगणना कराने की मांग। इससे सरकारी योजनाओं का लाभ अधिक पारदर्शी और न्यायपूर्ण तरीके से वितरित हो सकेगा।
कॉलेजियम सिस्टम समाप्त करना: पारदर्शी और लोकतांत्रिक नियुक्ति व्यवस्था लागू करने के लिए कॉलेजियम सिस्टम को खत्म करने की मांग।
बैकलॉग भर्ती: सरकारी नौकरियों में OBC के लिए आरक्षित रिक्त पदों (बैकलॉग) को शीघ्र भरने की मांग, ताकि समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व मिले।
विद्यालय मर्जर नीति समाप्त करना: ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों के मर्जर से बच्चों को हो रही असुविधा को देखते हुए इस नीति को रद्द करने की मांग।
OBC कल्याण: शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक योजनाओं में OBC समुदाय के लिए विशेष प्रावधान और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान।
महासभा के पदाधिकारियों ने कहा कि जातिगत जनगणना से OBC समुदाय की वास्तविक स्थिति सामने आएगी, जिससे सरकार को उनके लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
तहसीलदार को ज्ञापन, आंदोलन की चेतावनी
ज्ञापन सौंपने के दौरान ओबीसी महासभा के प्रदेश और जिला स्तर के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रमुख रूप से मिथिलेश कुमार (कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष/महासचिव उत्तर प्रदेश), ज्ञानप्रकाश पाल (जिला महासचिव), संतोष कुमार वर्मा (जिला उपाध्यक्ष), अजय यादव (जिला महासचिव, हरदोई), राजेश राजस्वी, विमलेश सिंह लोधी, धर्मेंद्र कुमार, कमलेश कुमार, अश्वनी कुमार (विधानसभा महासचिव), धर्मप्रकाश विश्वकर्मा (ब्लॉक अध्यक्ष), राजकुमार रावत, बसंत कुमार गुप्ता, श्रीकृष्ण शर्मा, रामप्रताप, और अमित कुमार सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
तहसीलदार संध्या सिंह ने मांगपत्र स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि इसे उच्च अधिकारियों तक प्रेषित किया जाएगा। हालांकि, महासभा के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो संगठन बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेगा।
जनगणना और बैकलॉग भर्ती पर जोर
महासभा के जिला महासचिव ज्ञानप्रकाश पाल ने कहा, “जातिगत जनगणना से OBC समुदाय की सही स्थिति का पता चलेगा, जिससे योजनाओं का लाभ अधिक समावेशी होगा। बैकलॉग भर्ती में देरी से OBC युवाओं का हक छीना जा रहा है।” उन्होंने कॉलेजियम सिस्टम को अपारदर्शी बताते हुए इसे समाप्त करने की मांग दोहराई।
अजय यादव ने विद्यालय मर्जर नीति पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा तक पहुंच में कठिनाई हो रही है। उन्होंने सरकार से इस नीति को तुरंत वापस लेने की अपील की।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और भविष्य की रणनीति
तहसीलदार संध्या सिंह ने मांगपत्र को गंभीरता से लेते हुए कहा कि प्रशासन उनकी मांगों को शीघ्र उच्च स्तर तक पहुंचाएगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने और प्रशासन को कार्रवाई के लिए समय देने का अनुरोध किया।
हालांकि, ओबीसी महासभा ने स्पष्ट कर दिया कि यदि मांगें अनसुनी रहीं, तो वे सड़क से लेकर सचिवालय तक आंदोलन करेंगे। संगठन ने पहले भी विभिन्न मंचों पर अपनी मांगें उठाई हैं, और यह मांगपत्र उनकी लंबी लड़ाई का हिस्सा है।
निष्कर्ष: सामाजिक न्याय की दिशा में कदम
ओबीसी महासभा का यह 23 सूत्रीय मांगपत्र सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। जातिगत जनगणना, बैकलॉग भर्ती, और शिक्षा नीतियों में सुधार की मांगें OBC समुदाय के लिए बेहतर भविष्य की उम्मीद जगाती हैं। प्रशासन और सरकार से अपेक्षा है कि वे इन मांगों पर त्वरित और सकारात्मक कार्रवाई करें, ताकि सामाजिक समता को बढ़ावा मिले।




