हरदोई, लक्ष्मी कान्त पाठक (वेब वार्ता)। स्वास्थ्य विभाग में अर्द्धसरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर शिक्षित बेरोजगार युवाओं से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। इतना ही नहीं, युवाओं को उत्तराखंड बुलाकर कछौना लाया गया और गेस्ट हाउस में कथित तौर पर बंधक बनाकर रखा गया। पीड़ित की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
मूल रूप से थाना रामगढ़, जनपद एटा निवासी सेवा निवृत्त हेड कांस्टेबल गया प्रसाद ने कछौना कोतवाली में प्रार्थनापत्र देकर बताया कि उसका नाती अंशुल कुमार (पुत्र विमलेश कुमार, निवासी थाना रामगढ़, फिरोजाबाद) को 25 जुलाई को उसके दोस्त सचिन व अंकुश ने बताया कि रुद्रपुर (उत्तराखंड) में स्वास्थ्य विभाग में नौकरी का इंटरव्यू है। इसके लिए ₹30,000 देने होंगे।
भरोसा कर अंशुल अपने दोस्तों के साथ रुद्रपुर पहुंचा, जहां रोहित नामक व्यक्ति को ₹30,000 रुपए दिए गए। अंशुल के साथ अन्य युवक – अंकुश, पवन और अनस – भी ₹30,000 प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसा लेकर पहुंचे थे। इसके बाद 29 जुलाई की रात लगभग 2 बजे जीतू पुत्र धारा सिंह निवासी दौरेठा, थाना शाहगंज (जनपद आगरा) सभी युवाओं को लेकर कछौना आया।यहां कस्बे के एक गेस्ट हाउस में एक कथित कार्यालय में “आर.एच.आई प्राइवेट मार्केटिंग” नामक बोर्ड लगा मिला। युवाओं को उनके मोबाइल फोन जमा करा लिए गए और यहीं उन्हें नौकरी के नाम पर ट्रेनिंग के बहाने रोक कर रखा गया। किसी तरह एक पीड़ित ने चोरी-छिपे किसी और का फोन लेकर परिजनों से संपर्क किया और आपबीती सुनाई।सूचना मिलने पर परिजनों ने कछौना पुलिस को पूरी घटना से अवगत कराया। कोतवाली पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पांच आरोपियों – जीतू (जनपद आगरा), रोहित (जनपद फिरोजाबाद), सुमित (मल्लावां, हरदोई), अनवर (किशनगंज, बिहार) और संदीप (जनपद फतेहपुर) को हिरासत में लेकर थाने लाया।मौके पर मौजूद उपनिरीक्षक पन्नालाल सोनी ने मामले की जांच जारी होने की बात कही है। वहीं सूत्रों का कहना है कि पुलिस अभी इस पूरे नेटवर्क की कड़ी से कड़ी जोड़ने में लगी है।
प्रकरण से यह स्पष्ट है कि बेरोजगारी का फायदा उठाकर सक्रिय ठगों का गिरोह युवाओं को निशाना बना रहा है। पीड़ित परिजनों ने प्रशासन से दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।