हरदोई (कछौना), लक्ष्मीकांत पाठक (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के कछौना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम नारायणदेव में शुक्रवार सुबह एक 14 वर्षीय छात्रा महक ने आम के बाग में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों और पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। एसबीएस इंटर कॉलेज बालामऊ में कक्षा 9 की छात्रा महक की अचानक मौत से पूरे परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। प्रभारी निरीक्षक प्रेम सागर ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
परिजनों का कहना है कि महक पिछले कुछ दिनों से बीमार थी, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थी। परिवार ने किसी बाहरी व्यक्ति पर कोई आरोप नहीं लगाया है। यह घटना ग्रामीण इलाकों में किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को उजागर करती है, जहां सहायता की कमी से ऐसी त्रासदियां हो जाती हैं।
घटना का पूरा विवरण: सुबह शौच जाते समय लिया कदम
महक पुत्री रामजीवन हरिद्वार में मजदूरी करने वाले रामजीवन की बेटी थी। परिवार का मुख्य सहारा रामजीवन पर था, जो बाहर काम करके घर का पालन-पोषण करता था। शुक्रवार सुबह महक शौच के लिए घर से निकली। परिजनों के अनुसार, वह गांव के बाहर कन्हई के आम के बाग में गई, जहां उसने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
परिजनों ने बताया कि महक पिछले कुछ दिनों से बीमारी से जूझ रही थी, जिससे वह उदास और चिड़चिड़ी रहने लगी थी। पिता रामजीवन ने कहा, “महक होनहार छात्रा थी, लेकिन बीमारी ने उसे तोड़ दिया। हमें पता ही नहीं चला कि वह इतना परेशान है।” परिवार का दावा है कि घटना में किसी और का हाथ नहीं है, और यह महक की मानसिक स्थिति का परिणाम था।
पुलिस कार्रवाई: शव पोस्टमॉर्टम को, कोई संदिग्ध नहीं
प्रभारी निरीक्षक कछौना प्रेम सागर ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या की पुष्टि हुई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। फॉरेंसिक टीम ने बाग का मुआयना किया, लेकिन कोई संदिग्ध परिस्थिति नहीं मिली।
एसपी हरदोई ने कहा, “घटना दुखद है। हम मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाएंगे। परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी।” पुलिस ने परिजनों के बयान दर्ज किए हैं, और जांच जारी है।
किशोरों में आत्महत्या का बढ़ता खतरा: कारण और समाधान
भारत में किशोरों में आत्महत्या की दर चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। NCRB के अनुसार, 2022 में 13,000 से अधिक किशोरों ने आत्महत्या की, जिसमें 40% मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी थीं। ग्रामीण इलाकों में बीमारी, पढ़ाई का दबाव और सहायता की कमी मुख्य कारण हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि परिवारों को बच्चों की भावनाओं पर ध्यान देना चाहिए। हेल्पलाइन जैसे किरन (1800-599-0019) और संवाद (104) जैसी सेवाओं का उपयोग करें। हरदोई जिले में स्कूलों में काउंसलिंग सेंटर खोलने की मांग बढ़ रही है।
यह घटना हरदोई के नारायणदेव गांव में शोक की लहर बिखेर गई। यदि आपके आसपास कोई मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, तो तुरंत मदद लें।