हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। जिले भर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व आस्था, उल्लास और परंपरागत श्रद्धा के साथ मनाया गया। “नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” के गगनभेदी जयकारों से गांव से लेकर शहर तक का वातावरण भक्तिमय रहा। मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी और घर-घर में नटखट कान्हा का जन्मोत्सव उल्लासपूर्वक मनाया गया।
पुलिस लाइन में मुख्य कार्यक्रम
रिज़र्व पुलिस लाइन हरदोई में भव्य आयोजन किया गया, जिसमें जिलाधिकारी अनुनय झा और पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम की शुरुआत पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन से हुई।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने अपर पुलिस अधीक्षक मार्तण्ड प्रकाश, जिलाधिकारी तथा अन्य अधिकारियों के साथ भगवान श्रीकृष्ण की आरती उतारी। शंख-घंटियों की ध्वनि, फूलों की वर्षा और भजनों की मधुर लहरियों से पूरा परिसर गूंज उठा। पुलिस परिवार की महिलाओं और बच्चों ने भक्ति गीतों की प्रस्तुतियाँ दीं, जिनसे वातावरण और भी भावविभोर हो गया।
गांव-गांव में छाई परंपरागत रौनक
ग्रामीण अंचल में भी जन्माष्टमी की छटा निराली रही। बच्चों ने श्रीकृष्ण और राधा का स्वरूप धारण कर झांकियाँ सजाईं। महिलाओं ने पूरी रात मंगल गीत गाए और घर-घर में श्रीकृष्ण के जन्म की तैयारियाँ होती रहीं।
जगह-जगह मंदिरों में रात 12 बजे जन्म आरती की गई। युवाओं ने मटकी-फोड़ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, जिसमें भारी उत्साह देखने को मिला।
शहर के प्रमुख मंदिरों में भीड़ का सैलाब
हरदोई नगर के राधा-कृष्ण मंदिर, शिवाला मंदिर, गोपाल मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों पर भव्य सजावट की गई थी। विद्युत झालरों और पुष्पमालाओं से सजे मंदिरों में देर रात तक भक्तों का आना-जाना लगा रहा।
मध्यरात्रि को जैसे ही “कन्हैया जन्मे” का स्वर गूंजा, भक्तों में खुशी की लहर दौड़ गई। महिलाओं ने ढोलक-झांझ की थाप पर भजन गाए, वहीं युवाओं ने ढोल-नगाड़ों की धुन पर नृत्य कर माहौल को उल्लासमय बना दिया।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
जन्माष्टमी पर्व पर किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। प्रमुख मंदिरों और भीड़भाड़ वाले स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
पूरे जिले में भक्ति और उल्लास का संगम
शहर से लेकर गांव तक हर जगह श्रद्धालु भक्ति में सराबोर दिखे। घर-घर में झूला झूलते बाल गोपाल की पूजा की गई। जिले भर में जन्माष्टमी का पर्व बिना किसी विघ्न-बाधा के संपन्न हुआ और हर ओर सिर्फ एक ही स्वर गूंजता रहा—
“नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की…”