लखनऊ, अजय कुमार (वेब वार्ता)। डबल इंजन सरकार उत्तर प्रदेश में किसानों की समृद्धि और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ड्रिप सिंचाई पद्धति को प्रोत्साहित कर रही है। इस तकनीक के उपयोग से गन्ना और बागवानी फसलों की उपज में औसतन 50% तक वृद्धि दर्ज की गई है। उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि माइक्रोइरीगेशन योजना 2024-25 के तहत सिंचाई उपकरणों पर 90% तक अनुदान प्रदान किया जा रहा है। किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए www.upmip.in पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
ड्रिप सिंचाई: किसानों की समृद्धि का आधार
श्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा:
“ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई से बागवानी फसलों में 50% तक उपज बढ़ रही है। गन्ना जैसी नकदी फसलों में भी समान परिणाम देखे गए हैं। यह तकनीक न केवल उत्पादन बढ़ाती है, बल्कि जल संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।”
उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1.02 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में 82,000 से अधिक किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई का लाभ मिला है। यह उपलब्धि किसानों की मेहनत, तकनीक के उपयोग, और सरकारी सहयोग का परिणाम है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को पर ड्रॉप मोर क्रॉप-माइक्रो इरीगेशन योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया में हर संभव सहायता प्रदान करें।
जल संरक्षण और उत्पादकता में ड्रिप सिंचाई की भूमिका
अपर मुख्य सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, श्री बी.एल. मीणा ने बताया:
“पारंपरिक सिंचाई की तुलना में ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई से 40-50% जल की बचत होती है। यह तकनीक मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने, पौधों को संतुलित पोषण देने, और उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक है।”
लाभ:
उर्वरकों और पानी की कम खपत।
खरपतवार और रोगों में कमी।
150% तक उपज में वृद्धि।
मृदा अपरदन को रोकने में मदद।
माइक्रोइरीगेशन योजना 2024-25: अनुदान और पात्रता
अनुदान विवरण:
लघु और सीमांत किसानों को ड्रिप, मिनी, और माइक्रो स्प्रिंकलर पर 90% अनुदान।
अन्य किसानों को 80% अनुदान।
पोर्टेबल, सेमी परमानेंट, और रेनगन स्प्रिंकलर पर लघु और सीमांत किसानों को 75% और अन्य किसानों को 65% अनुदान।
प्रदेश सरकार द्वारा 20-35% अतिरिक्त टॉप-अप अनुदान।
पात्रता:
किसान के पास सिंचाई का स्रोत (जैसे नलकूप, कुआँ) होना अनिवार्य।
आधार कार्ड, भू-अभिलेख, और बैंक खाता अनिवार्य।
अधिकतम 5 हेक्टेयर भूमि पर अनुदान।
7 वर्ष बाद उसी भूमि पर पुनः अनुदान की सुविधा।
संविदा खेती (7 वर्ष के लीज एग्रीमेंट) पर भी पात्रता।
बीमा सुविधा:
प्राकृतिक आपदा, चोरी, या आग दुर्घटना की स्थिति में ड्रिप, मिनी, और माइक्रो सिंचाई प्रणालियों पर बीमा का लाभ।
आवेदन प्रक्रिया और पारदर्शिता
आवेदन:
किसान www.upmip.in या www.uphorticulture.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
विशेषज्ञ अभियंता से सामग्री आगणन, लेआउट, और डिजाइन का तकनीकी परीक्षण ऑनलाइन।
थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एजेंसी द्वारा सत्यापन।
पारदर्शिता:
पंजीकरण से भुगतान तक की प्रक्रिया ऑनलाइन ट्रैकिंग के माध्यम से।
एसएमएस अलर्ट: लाभार्थी के रजिस्टर्ड मोबाइल पर प्रत्येक स्तर की जानकारी।
129 पंजीकृत निर्माता फर्में: किसान किसी भी फर्म से उपकरण चुन सकते हैं।
संपर्क:
अधिक जानकारी के लिए जनपदीय उद्यान अधिकारी या मंडलीय उप निदेशक उद्यान से संपर्क करें।
निष्कर्ष
ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक किसानों की आय और जल संरक्षण में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। डबल इंजन सरकार की माइक्रोइरीगेशन योजना के तहत 90% तक अनुदान और बीमा सुविधा किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। यह योजना गन्ना, बागवानी फसलों, और अन्य नकदी फसलों की उपज बढ़ाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत और विकसित उत्तर प्रदेश के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।