देवरिया, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। देवरिया जिले में जीवित्पुत्रिका (जिउतिया) व्रत के पावन पर्व पर एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को शोक की लहर में डुबो दिया। रविवार शाम को स्नान करने के दौरान दो बालकों और एक किशोरी की डूबकर मौत हो गई, जबकि तीन अन्य बच्चों को लोगों ने किसी तरह बचा लिया। एक बालिका को गंभीर हालत में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। जिन बच्चों की दीर्घायु के लिए मांओं ने व्रत रखा था, उनके शव देखकर घरों में कोहराम मच गया। परिजनों ने दोनों बालकों के शवों का पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है।
गौरीबाजार क्षेत्र में पहली घटना: किशोरी राधा की ट्रेजेडी
गौरीबाजार थाना क्षेत्र के ग्राम देवगांव की रहने वाली 13 वर्षीय राधा पुत्री पन्नेलाल अपनी मां अंजू देवी, बहन सृष्टि गुप्ता तथा गांव की अमृता और अंशिका के साथ जिउतिया पर्व पर स्नान करने पहलवान सिंह के पोखरे पर गई थी। स्नान के दौरान अमृता, राधा और अंशिका गहरे पानी में चली गईं। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने तीनों को बाहर निकाल लिया। इनमें अमृता और राधा की हालत गंभीर होने पर परिजनों ने उन्हें महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने राधा को मृत घोषित कर दिया। अमृता का उपचार अभी भी जारी है, जबकि अंशिका को लोगों ने बचा लिया। इस घटना ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया।
गुलरिया गांव में मां का प्रयास बेकार: बालक राज की मौत
गौरीबाजार थाना क्षेत्र के ही गुलरिया गांव के निवासी श्रवण गोंड की पत्नी अपने 10 वर्षीय बेटे राज गोंड के साथ स्नान करने गांव के पोखरे पर गई थी। राज को डूबते देख मां ने उसे बचाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन खुद भी गहरे पानी में फंस गई। मौके पर मौजूद लोगों ने मां को तो बचा लिया, लेकिन राज डूब गया। बाद में बालक को पोखरे से निकालकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से साफ इनकार कर दिया। मां का व्रत रखने का उद्देश्य ही यही था कि बेटा स्वस्थ और लंबा जीवन जिए, लेकिन विपत्ति ने सब कुछ छीन लिया।
रुद्रपुर उपनगर में जुड़वां भाइयों का स्नान: कुणाल की दर्दनाक मौत
रुद्रपुर उपनगर के टेढ़ा वार्ड के निवासी अमूल्य रत्न कनौजिया की पत्नी रीना देवी अपने दोनों जुड़वा बेटों कुणाल और आर्यन (11 वर्ष) के लिए व्रत रखे हुए थीं। शाम को बेटों और मोहल्ले की अन्य महिलाओं के साथ स्नान-पूजा के लिए बथुआ नदी के पक्के घाट पर पहुंचीं। इस दौरान कुणाल अपने दोस्तों के साथ स्नान कर रहा था और अचानक गहरे पानी में चला गया। दोस्तों ने शोर मचाया तो आसपास के लोग दौड़े। काफी मशक्कत के बाद कुणाल को नदी से निकालकर सीएचसी ले जाया गया, लेकिन वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। बेटे का शव देखकर मां रीना देवी बेहोश हो गईं। आर्यन को तो बचा लिया गया, लेकिन जुड़वां भाई की मौत ने परिवार को गहरा सदमा पहुंचाया।
जिउतिया व्रत का महत्व और सावधानी की कमी
जीवित्पुत्रिका व्रत, जिसे जिउतिया भी कहा जाता है, मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। इस व्रत में मांएं अपने पुत्रों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। देवरिया जैसे जिलों में यह पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है, लेकिन स्नान के दौरान जल स्रोतों की गहराई और पानी के बहाव को नजरअंदाज करने से ऐसी हादसे हो जाते हैं। इस बार की घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के बीच सावधानी बरतने की चर्चा छेड़ दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्नान स्थलों पर लाइफ गार्ड तैनात करने और जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
प्रशासनिक कार्रवाई और परिजनों का शोक
घटनाओं की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। गौरीबाजार थाना पुलिस ने मामलों को संज्ञान में लिया, लेकिन पोस्टमार्टम से इनकार के कारण आगे की जांच सीमित हो गई। जिलाधिकारी ने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। इन हादसों ने न केवल परिवारों को तोड़ा है, बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि धार्मिक उत्सवों के दौरान सुरक्षा के इंतजाम कैसे मजबूत किए जाएं।
यह घटनाएं देवरिया जिले के लिए एक काला अध्याय साबित हुई हैं। मांओं का व्रत पुत्रों की रक्षा के लिए था, लेकिन किस्मत ने विपरीत खेल खेला। भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।