बस्ती, अनुराग वर्मा (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षण संस्थान केवल अक्षर ज्ञान प्रदान करने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे बच्चों के सर्वांगीण विकास की आधारशिला हैं। सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बसहवा के भूमि पूजन, शिलान्यास, पौधरोपण, और पुस्तक विमोचन समारोह में उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य संस्कार, मूल्य, आदर्श, मातृभूमि, और राष्ट्रीयता के प्रति समर्पण पैदा करना है। यदि शिक्षा इन मूल्यों को जागृत नहीं करती, तो वह कुशिक्षा और भटकाव है।
सरस्वती शिशु मंदिर: भारतीयता की नींव
मुख्यमंत्री ने विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान की स्थापना के पीछे नाना जी देशमुख के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि 1952 में गोरखपुर के पक्कीबाग में शुरू हुए पहले सरस्वती शिशु मंदिर में केवल पांच छात्र थे, लेकिन आज 12,000 से अधिक विद्यालय देशभर में भारतीयता और राष्ट्रीयता के प्रति समर्पित नागरिक तैयार कर रहे हैं। गोरक्ष प्रांत को इस मातृभूमि होने का गौरव प्राप्त है।
“विद्या भारती के अंतर्गत संचालित हजारों शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान राष्ट्र निर्माण के अभियान से जुड़े हैं। इनसे निकले छात्र समाज को नेतृत्व और मार्गदर्शन दे रहे हैं।” – सीएम योगी
‘सा विद्या या विमुक्तये’
अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, विद्या भारती के सरस्वती विद्या मंदिर, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के नवीन प्रकल्प का आज महर्षि वशिष्ठ की पावन धरा जनपद बस्ती में भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया।
सरस्वती शिशु मंदिर, बच्चों के अंदर भारत और भारतीयता के प्रति, एक… pic.twitter.com/gYAKb1H1oc
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 9, 2025
शिक्षा से समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत
सीएम ने कहा कि शिक्षा देश को समर्थ, आत्मनिर्भर, और शक्तिशाली बनाने की शुरुआत है। उन्होंने वैश्विक समृद्धि के पैरामीटर्स का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, जल संसाधन, कौशल विकास, रोजगार, और पर्यावरण समग्र विकास के आधार हैं। सरस्वती शिशु मंदिर जैसे संस्थान भारतीयता और परंपराओं से ओतप्रोत शिक्षा प्रदान कर देश को विश्व गुरु बनाने की दिशा में योगदान दे रहे हैं।
गुलामी की मानसिकता पर प्रहार
मुख्यमंत्री ने गुलामी की मानसिकता को समाप्त करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 400 वर्ष पहले भारत विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, जिसका वैश्विक अर्थव्यवस्था में 25% योगदान था। आजादी के समय यह घटकर 2% रह गया। विदेशी आक्रांताओं ने भारत को लूटा और भारतीयता को हेय दृष्टि से देखने की मानसिकता पैदा की। हिंदी, संस्कृत, और भारतीय महापुरुषों को हाशिए पर धकेलकर अंग्रेजी और विदेशी आदर्शों को थोपा गया।
“11 वर्षों में हमने इस दुष्प्रवृत्ति पर रोक लगाई। जो भारतीय है, वह सर्वश्रेष्ठ है, क्योंकि भारत ने पुरुषार्थ से समृद्धि अर्जित की थी।” – सीएम योगी
ऐतिहासिक गलतियों का सुधार
सीएम ने महाराज सुहेलदेव के योगदान को याद करते हुए कहा कि बहराइच में 1000 वर्ष पहले उन्होंने सालार मसूद को परास्त कर मंदिरों की रक्षा की थी। लेकिन गुलामी की मानसिकता के कारण समाज सुहेलदेव को भूल गया और सालार मसूद को पूजने लगा। यूपी सरकार ने बहराइच में सुहेलदेव स्मारक और आजमगढ़ में विश्वविद्यालय स्थापित कर उनकी विरासत को सम्मान दिया।
उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने को ऐतिहासिक उपलब्धियां बताया, जो प्रभु श्रीराम और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संकल्पों को साकार करती हैं।
विकसित भारत के लिए विकसित यूपी
सीएम ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित उत्तर प्रदेश और विकसित बस्ती आवश्यक है। 8 वर्षों में यूपी ने बीमारू राज्य की छवि को बदलकर भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित किया है।
नियुक्तियां: पिछले दो दिनों में 6,000 युवाओं को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र दिए गए। 2017 के बाद 8.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली।
स्वच्छता और स्वास्थ्य: स्वच्छ भारत मिशन ने इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों पर नियंत्रण पाया।
वोकल फॉर लोकल: भारतीय हस्तशिल्प और उत्पादों को बढ़ावा देने से आतंकवाद को वित्तीय सहायता रोकने में मदद मिलेगी।
तकनीक का सही उपयोग
सीएम ने टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर चर्चा की। कोविड काल में वर्चुअल कक्षाओं के जरिए शिक्षा को बढ़ावा देने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग रचनात्मक कार्यों के लिए करना चाहिए। हालांकि, साइबर फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट, और फर्जी अकाउंट्स से सावधान रहने की जरूरत है।
“चार-छह घंटे सोशल मीडिया पर बिताने से शरीर और समय दोनों का नुकसान होता है। टेक्नोलॉजी का दास नहीं, बल्कि इसका उपयोगी ढंग से इस्तेमाल करें।” – सीएम योगी
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरस्वती विद्या मंदिर के शिलान्यास समारोह में शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का आधार बताया। विद्या भारती और सरस्वती शिशु मंदिर जैसे संस्थान भारतीयता, संस्कृति, और मूल्यों को बढ़ावा देकर विकसित भारत @ 2047 के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विरासत का सम्मान, तकनीक का सही उपयोग, और सामुदायिक एकता से भारत फिर से विश्व गुरु बनेगा।
मुख्य उपस्थित व्यक्ति: विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र, आरएसएस के प्रांत प्रचारक रमेश, हर्रैया विधायक अजय सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, गोसेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ला, प्रांत मंत्री शैलेष कुमार सिंह, प्रधानाचार्य गोविंद सिंह, कोषाध्यक्ष प्रहलाद मोदी, और भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र।