श्रीदत्तगंज/बलरामपुर, क़मर खान (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के श्रीदत्तगंज ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत अहिरौला नगवा में उतरौला-गोण्डा मुख्य मार्ग से भेदपुर गांव तक जाने वाली 1100 मीटर लंबी डामर सड़क की स्थिति अत्यंत जर्जर हो चुकी है। सड़क पर गिट्टियां उखड़ गई हैं और जगह-जगह गहरे गड्ढों के कारण बारिश में जलभराव की समस्या आम हो गई है। यह मार्ग गांव वासियों के लिए एकमात्र संपर्क साधन है, जिससे न केवल ग्रामीणों का दैनिक आवागमन प्रभावित हो रहा है, बल्कि स्कूली बच्चों, शिक्षकों और पानी की टंकी तक पहुंचने वालों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
🚨 बलरामपुर: उतरौला-गोण्डा मार्ग से भेदपुर गांव की 1100 मीटर सड़क जर्जर, गड्ढों और जलभराव से ग्रामीण व छात्र परेशान। प्रशासन से तत्काल मरम्मत की मांग! 🛣️ #BalrampurNews #BadRoads #UPInfra #RuralProblems pic.twitter.com/TYJYAJ2bCb
— Webvarta News Agency (@webvarta) September 1, 2025
सड़क की बदहाल स्थिति से बढ़ी मुश्किलें
उतरौला-गोण्डा मुख्य मार्ग से भेदपुर गांव तक की यह सड़क ग्रामीणों के लिए जीवन रेखा के समान है। यह मार्ग न केवल भेदपुर गांव को मुख्य सड़क से जोड़ता है, बल्कि परिषदीय विद्यालय और पानी की टंकी तक पहुंचने का भी एकमात्र रास्ता है। सड़क की जर्जर हालत के कारण बारिश में गड्ढों में पानी भर जाता है, जिससे आवागमन लगभग असंभव हो जाता है। खासकर स्कूली बच्चे और बुजुर्ग इस स्थिति से सबसे अधिक प्रभावित हैं। गड्ढों और कीचड़ के कारण बच्चों को स्कूल जाने में जोखिम का सामना करना पड़ता है, और कई बार उनकी यूनिफॉर्म खराब होने के कारण वे स्कूल नहीं पहुंच पाते।
“यह सड़क हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन इसकी हालत इतनी खराब है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। बारिश में तो हालात और बदतर हो जाते हैं।” – राम सजन वर्मा, स्थानीय निवासी
ग्रामीणों और बच्चों पर प्रभाव
ग्राम पंचायत अहिरौला नगवा के प्रधान प्रतिनिधि मोहम्मद आमिर ने बताया कि सड़क की खस्ता हालत ने ग्रामीणों और बच्चों की दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने कहा,
“यह मार्ग गांव का एकमात्र संपर्क साधन है। स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत होती है, और पानी की टंकी तक पहुंचने में भी परेशानी हो रही है। प्रशासन को इस समस्या का जल्द समाधान करना चाहिए।”
स्थानीय निवासियों राम लगन वर्मा, अजमतउल्लाह, कलीम खान, घनश्याम वर्मा, रामपाल वर्मा, रियाज, गुल हसन, अनवार खान और अलखराम वर्मा ने भी सड़क की स्थिति पर गहरी चिंता जताई। उनका कहना है कि अगर जल्द मरम्मत नहीं की गई, तो यह मार्ग बच्चों और बुजुर्गों के लिए और भी खतरनाक हो सकता है। खासकर बरसात के मौसम में जलभराव के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, और स्कूल जाने वाले बच्चों को सबसे ज्यादा जोखिम उठाना पड़ता है।
प्रशासन से मरम्मत की मांग
ग्रामीणों ने इस सड़क की मरम्मत के लिए लंबे समय से प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग (PWD) से मांग की है कि इस सड़क को प्राथमिकता के आधार पर ठीक किया जाए। उनका कहना है कि सड़क की मरम्मत न केवल आवागमन को आसान बनाएगी, बल्कि गांव के समग्र विकास में भी योगदान देगी।
“हमने कई बार प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो हमें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा।” – घनश्याम वर्मा, स्थानीय निवासी
सरकारी दावों पर सवाल
उत्तर प्रदेश सरकार ने गड्ढामुक्त सड़कों का दावा किया है, लेकिन श्रीदत्तगंज जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति इस दावे को खोखला साबित करती है। बलरामपुर जिले में श्रीदत्तगंज-शुक्लागंज मार्ग की खराब स्थिति पहले भी चर्चा में रही है, जहां 8 किलोमीटर लंबा मार्ग गड्ढों में तब्दील हो चुका है, जिससे करीब 50,000 की आबादी प्रभावित हो रही है। भेदपुर गांव की यह सड़क भी उसी समस्या का हिस्सा है, और ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
निष्कर्ष
उतरौला-गोण्डा मुख्य मार्ग से भेदपुर गांव तक की जर्जर सड़क न केवल ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है, बल्कि यह बच्चों की शिक्षा और गांव के विकास में भी बाधा बन रही है। प्रशासन को इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए तत्काल मरम्मत कार्य शुरू करना चाहिए। ग्रामीणों की मांग है कि सड़क को पूरी तरह डामरीकृत किया जाए ताकि बारिश में जलभराव और दुर्घटनाओं की समस्या से निजात मिल सके।