बलिया, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने शहर और गांव दोनों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। बीते 24 घंटे में गंगा नदी का जलस्तर बढ़कर 59.84 मीटर पर पहुंच गया है, जो कि खतरे के निशान के बेहद करीब है। गंगा के साथ-साथ सरयू और टोंस नदियों के जलस्तर में भी निरंतर वृद्धि से जिले के तटवर्ती गांव और शहरी इलाकों में बाढ़ की विभीषिका गहराती जा रही है।
उमरगंज में फंसे 257 लोग, प्रशासन ने चलाया राहत और बचाव कार्य
बुधवार को बलिया शहर से सटे उमरगंज इलाके में हालात और बिगड़ गए, जहां कटहल नाला में बैक फ्लो के चलते गंगा का पानी घुस आया। इसके परिणामस्वरूप 52 मकानों में रहने वाले 78 परिवारों के कुल 257 लोग बाढ़ के पानी से घिर गए। राहत की बात यह रही कि समय रहते प्रशासन को इसकी सूचना मिली और तत्काल एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन में लगाया गया।
एडीएम त्रिभुवन स्वयं NDRF की टीम के साथ मोटर बोट में सवार होकर प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे। एनडीआरएफ के जवानों ने तत्परता दिखाते हुए 110 लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों तक पहुंचाया। शेष लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य जारी है।
प्रभावितों को मिल रहा राहत पैकेट, शिविर सक्रिय
प्रशासन ने उपजिलाधिकारी तिमराज सिंह को निर्देश दिए हैं कि वे बाढ़ शरणालयों को पूरी तरह सक्रिय करें और जरूरतमंदों को राहत सामग्री समय पर मुहैया कराएं। अभी तक कई प्रभावित परिवारों को राहत पैकेट वितरित किए जा चुके हैं जिनमें सूखा राशन, पीने का पानी, दवाइयां और दैनिक उपयोग की जरूरी चीजें शामिल हैं।
गांवों में भी बाढ़ का कहर जारी
बलिया जनपद के ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भयावह होती जा रही है। खेतों में लगी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं और संपर्क मार्ग भी टूटने लगे हैं। बिजली की आपूर्ति ठप कर दी गई है ताकि किसी भी हादसे से बचा जा सके। तटवर्ती गांवों में नाव ही एकमात्र सहारा बन गई हैं।
प्रशासन की अपील
प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की गई है कि वे बिना आवश्यक कारणों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।