कुशीनगर, (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली, नई पेंशन योजना (NPS) और निजीकरण के खिलाफ शुक्रवार को अटेवा (Atewa) एवं NMOPS (नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम) के बैनर तले एक जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों कर्मचारियों एवं शिक्षकों ने बाइक रैली निकालकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और “जो पुरानी पेंशन बहाल करेगा, वही देश पर राज करेगा” जैसे नारों से गूंज उठा कुशीनगर।
बाइक रैली से लेकर ज्ञापन सौंपने तक
यह बाइक रैली उदित नारायण इंटर कॉलेज, पडरौना से रविन्द्र नगर स्थित जिला मुख्यालय तक निकाली गई, जिसका नेतृत्व अटेवा के जिलाध्यक्ष अजय कुमार ने किया। रैली में हजारों की संख्या में कर्मचारी, शिक्षक और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए।
रैली के बाद प्रदर्शनकारियों ने उप जिलाधिकारी (SDM) व कलेक्टरेट प्रभारी अनिल यादव को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
रैली से पहले हुई सभा, प्रमुख वक्ताओं के बयान
रैली से पहले उदित नारायण इंटर कॉलेज में एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रादेशिक महामंत्री राजीव यादव मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
राजीव यादव ने कहा,
“सरकार विद्यालयों का मर्जर कर उन्हें बंद करने जैसा तुगलकी फैसला ले रही है। छात्र संख्या कम होने की बजाय सुविधाओं की कमी को सुधारना चाहिए।”
अटेवा जिलाध्यक्ष अजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा,
“पुरानी पेंशन शिक्षकों और कर्मचारियों का संवैधानिक हक है। सरकार पेंशन को निजी हाथों में सौंप रही है और अब सरकारी विभागों का भी निजीकरण हो रहा है। इससे मध्यम और गरीब वर्ग का जीवन संकट में आ जाएगा।”
आंदोलन को मिला बहुपक्षीय समर्थन
सभा में शामिल अन्य प्रमुख नेताओं में शामिल थे:
जिला महामंत्री सुनील पाल – “NPS कर्मचारी विरोधी है और इसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए।”
जिला कोषाध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा – “यदि OPS बहाल नहीं हुई तो यह जन आंदोलन बनेगा।”
सफाई कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष प्रमोद गौड़ और मंडलीय महामंत्री रमाकांत गुप्ता ने भी आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया।
हजारों कर्मचारियों ने लिया भाग
इस प्रदर्शन में विभिन्न संगठनों के हजारों कर्मचारियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख हैं:
जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ
सफाई कर्मचारी संघ
पंचायती राज संगठन
अन्य विभागों के कर्मचारी संगठन
सभी ने एकजुट होकर सरकार की निजीकरण और NPS नीति के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
कुशीनगर में हुआ यह प्रदर्शन न केवल पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर था, बल्कि यह सरकारी नीतियों के खिलाफ कर्मचारियों के बढ़ते असंतोष का भी प्रतीक है। अगर सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर सकारात्मक कदम नहीं उठाती, तो यह आंदोलन और अधिक व्यापक रूप ले सकता है।