लखनऊ, (वेब वार्ता)। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का दीपावली पर दिया गया बयान राजनीतिक घमासान का कारण बन गया है। लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश ने दीयों और मोमबत्तियों पर होने वाले खर्च को फिजूल बताते हुए क्रिसमस की तुलना की, जिससे BJP ने कड़ी निंदा की। BJP नेताओं ने इसे हिंदू विरोधी और प्रजापति समाज की उपेक्षा करार दिया। अखिलेश का बयान अयोध्या दीपोत्सव के ठीक पहले आया, जिसने विवाद को और हवा दे दी।
अखिलेश ने पार्टी दफ्तर में कहा, “भगवान श्री राम जी के नाम पर सुझाव देना चाहता हूं। दुनिया में क्रिसमस का समय है, शहर जगमगा जाते हैं, महीनों जगमाते रहते हैं। उन्हीं से सीख लो। क्यों खर्चा करना बार-बार दियों का, मोमबत्तियों का? इस सरकार से क्या उम्मीद? हटाइए इस सरकार को, हम बहुत सुंदर रोशनी कराएंगे।”
यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और BJP ने इसे हिंदू परंपराओं का अपमान बताया।
#WATCH | Lucknow | SP Chief Akhilesh Yadav says, “… I dont want to give a suggestion. But I will give one suggestion on the name of Lord Ram. In the entire world, all the cities get illuminated during Christmas. And that goes on for months. We should learn from them. Why do we… pic.twitter.com/HAL47migCC
— ANI (@ANI) October 18, 2025
BJP का तीखा पलटवार: ‘दियों से समस्या, लेकिन क्रिसमस अच्छा?’
BJP नेता संजय राय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अखिलेश की आलोचना की। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव को दीपावली में दियों से समस्या है, लेकिन क्रिसमस अच्छा है। दियों की बिक्री से प्रजापति समाज और किसानों को रोजगार मिलता है। अब हिंदुओं को दीपावली में दिए नहीं जलाने चाहिए? ऐसे हिंदू विरोधी व्यक्ति को जनता वोट की शक्ति से सबक सिखाएगी।”
BJP प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “अखिलेश यादव की यह सोच हिंदू संस्कृति का अपमान है। दीया प्रकाश का प्रतीक है, जो अंधकार मिटाता है। वे क्रिसमस की तुलना कर हिंदू परंपराओं को नीचा दिखा रहे हैं। यह PDA की राजनीति का हिस्सा है, लेकिन जनता जवाब देगी।”
BJP ने अखिलेश पर अयोध्या दीपोत्सव को निशाना बनाने का भी आरोप लगाया। पार्टी का कहना है कि यह बयान प्रजापति समाज को नाराज करने का प्रयास है, जो दियों के उत्पादन से जुड़ा है।
अखिलेश का बयान: मंडलीय सरकार पर तंज
अखिलेश ने बयान में योगी सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सरकार दीपोत्सव पर फिजूलखर्ची कर रही है, जबकि बिजली संकट है। “धनतेरस पर किसी की बुराई नहीं करूंगा, लेकिन क्या उम्मीद इस ‘फिजूल सरकार’ से? दीपोत्सव पर एक करोड़ दियों की खरीदारी करेंगे, जब हमारी सरकार आएगी।”
SP ने स्पष्ट किया कि अखिलेश का बयान फिजूलखर्ची पर था, न कि परंपरा पर। पार्टी प्रवक्ता ने कहा, “हम दीपावली की परंपराओं का सम्मान करते हैं, लेकिन सरकार की बर्बादी पर सवाल उठाना जरूरी है।”
सियासी संदर्भ: अयोध्या दीपोत्सव पर विवाद
यह बयान अयोध्या दीपोत्सव 2025 के ठीक पहले आया, जब 22 अक्टूबर को 13 लाख दीयों से जगमग होगा। BJP ने इसे राम मंदिर के प्रति अखिलेश की नाराजगी का प्रमाण बताया। विपक्ष ने सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाया, लेकिन BJP ने इसे सांस्कृतिक अपमान करार दिया।
यह विवाद यूपी विधानसभा चुनावों (2027) से पहले PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) राजनीति को प्रभावित कर सकता है। जनता सोशल मीडिया पर बंटी हुई दिख रही है, कुछ अखिलेश की आलोचना कर रहे हैं, तो कुछ सरकार की फिजूलखर्ची पर सवाल उठा रहे हैं।