हरदोई, लक्ष्मीकान्त पाठक (वेब वार्ता)। शाहाबाद–पाली मार्ग पर सोमवार दोपहर आगमपुर के पास पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हो गई। बरसात के बीच डायवर्जन मार्ग पर ट्रक फंस गया, जिससे कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। स्कूली बच्चों की बसें भी जाम में फंस गईं, जिससे बच्चे और अभिभावक घंटों परेशान रहे।
गौरतलब है कि गत वर्ष गर्रा नदी में आई भीषण बाढ़ में आगमपुर की पुलिया बह गई थी। महीनों तक ग्रामीणों का संपर्क शाहाबाद तहसील मुख्यालय से कटा रहा। लंबे समय बाद पीडब्ल्यूडी ने टूटी पुलिया पर अस्थायी पंटून पुल बनाकर छोटे वाहनों का आवागमन शुरू कराया। कुछ ही समय बाद गन्ना पेराई सत्र के दौरान किसानों की सहूलियत के लिए डीएससीएल रूपापुर ने पुलिया के पास वैकल्पिक डायवर्जन मार्ग बनाना शुरू किया, जिसे बाद में पीडब्ल्यूडी ने अपने हाथ में लेकर पूरा किया।
डायवर्जन मार्ग बनते ही पीडब्ल्यूडी ने पंटून पुल हटा दिया। इस दौरान टूटी पुलिया के खड्ड में गिरकर कई लोगों की मौत भी हो गई। इसके बावजूद विभाग पुलिया का स्थायी निर्माण कराने के लिए शासन से एस्टीमेट (अनुमानित लागत) पास नहीं करा सका।
बरसात आते ही डायवर्जन मार्ग कीचड़ और फिसलन से लबालब हो गया, जिससे आवागमन बाधित होने लगा। नतीजतन, पीडब्ल्यूडी को फिर मजबूरी में पैंटून पुल लगाना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है—“जब बरसात में डायवर्जन मार्ग चलने लायक नहीं था, तो पंटून पुल हटाया ही क्यों गया?” उनका आरोप है कि दोबारा पंटून पुल बनाने में जनता का पैसा और समय दोनों बर्बाद हुए।