Sunday, March 23, 2025
Homeराज्ययूपी बजट: कभी बीमारू प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश को योगी...

यूपी बजट: कभी बीमारू प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश को योगी सरकार ने बनाया देश का उत्तम प्रदेश

योगी सरकार के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाएं और इंफ्रास्क्ट्रचर में हुआ बड़ा बदलाव

वर्तमान में एमबीबीएस की 11,800 सीटें तथा पीजी की 3971 सीटों का लाभ उठा रहे मेडिकल स्टूडेंट्स

लखनऊ, (वेब वार्ता)। योगी सरकार ने प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कई प्रभावी कदम उठाये हैं। इसी का नतीजा है कि वर्ष 2017 से पहले बीमारू प्रदेश कहे जाने वाला उत्तर प्रदेश आज स्वास्थ्य सेवाओं में उत्तम प्रदेश बनकर उभरा है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने अपने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट भाषण में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धियों और नित नये कीर्तिमान के बारे में अवगत कराया।

प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज का हो रहा संचालन

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आठ वर्ष पहले प्रत्येक वर्ष प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में संक्रमक रोगों से बड़े पैमाने पर मौतें हुआ करती थीं। उस दौरान प्रदेश में रोगों की पहचान, रोकथाम और इलाज की व्यवस्थाएं जनमामान्य को उपलबध नहीं थीं। वहीं योगी सरकार ने कोविड वैश्विक बीमारी के दौरान प्रदेश में जिस कुशलता के साथ इस विभीषिका का सामना किया गया उसकी प्रशंसा विश्व स्तर पर की गई। आज प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का प्रसार जिस प्रकार हुआ है और लगातार हो रहा है वह अदभुत है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 80 मेडिकल काॅलेज हैं, जिनमें 44 राज्य सरकार द्वारा संचालित हैं एवं 36 निजी क्षेत्र में हैं। प्रदेश में 2 एम्स एवं आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी तथा जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ संचालित हैं। वर्ष 2024-2025 में 13 स्वाशासी चिकित्सा महाविद्यालय एवं पीपीपी मोड पर 3 जनपदों-महाराजगंज, सम्भल तथा शामली में नवीन मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गये हैं। वर्तमान में प्रदेश में राजकीय एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल काॅलेजों/चिकित्सा संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में एमबीबीएस की 11,800 सीटें तथा पीजी की 3971 सीटें उपलब्ध हैं।

सरकारी मेडिकल कॉलेज की 250 सुपर स्पेशियलिटी सीटों पर हो रही पढ़ाई

वित्त मंत्री ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-2026 में यूजी, पीजी हेतु कुल 10,000 सीटें जोड़े जाने की घोषणा की गई है, जिसमें से 1500 सीटें उत्तर प्रदेश को प्राप्त होंगी। इस हेतु लगभग 2066 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। वर्ष 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी की कुल सीटों की संख्या 120 थीं। शैक्षणिक सत्र 2024-2025 में सीटों की संख्या को बढ़ाकर 250 किया गया। बलिया तथा बलरामपुर में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु क्रमशः 27 करोड़ रुपये तथा 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

वहीं आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत 5.13 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं। आयुष्मान कार्ड बनाने में पूरे देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। प्राथमिक स्वास्थ्य इकाईयों को आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के रूप में उच्चीकृत किया जा रहा है। वर्तमान में कुल 22,681 आयुष्मान आरोग्य मन्दिर स्थापित है। उप केन्द्रों से टेलीकन्सलटेशन प्रारम्भ कर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने का आरम्भ जुलाई, 2020 से किया गया है। प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पोषित पीपीपी मोड पर निःशुल्क डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पीपीपी मोड पर जनपदीय चिकित्सालयों में सीटी स्कैन की निःशुल्क सेवा उपलब्ध करायी जा रही है।

प्रदेश में 2,110 आयुर्वेदिक और 1585 होम्योपैथिक चिकित्सालयों का हो रहा संचालन

प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2,110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथिक चिकित्सालयों के साथ ही 8 आयुर्वेदिक काॅलेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय, 2 यूनानी काॅलेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय तथा 9 होम्योपैथिक काॅलेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय संचालित हैं। वित्तीय वर्ष 2025-2026 में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना, जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना, जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल काॅलेज की स्थापना कराया जाना लक्षित है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

हमारे बारें में

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments