-घुसपैठियों की मदद करने वाले आठ भारतीय भी दबोचे गए
नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। दक्षिणी जिला पुलिस ने अवैध रूप से दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशियों पर बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने जिले में अलग अलग जगह से 18 बांग्लादेशियों को पकड़ा है। इनमें से पुलिस ने आठ को गिरफ्तार किया है, जबकि छह को डीपोर्ट कर दिया। इसके अलावा चार से पूछताछ की जा रही है। साथ ही इनकी मदद करने वाले आठ भारतीय आरोपितों को भी दबोचा है।
पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि अवैध प्रवासियों से आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आइडी और भारतीय पासपोर्ट जब्त किए हैं। पुलिस ने आरोपितों के ठिकानों की तलाशी ली तो वहां से 23 वोटर कार्ड, 19 पैन कार्ड, 17 आधार कार्ड, सीपीयू, 11 जन्म प्रमाण पत्र और छह बलैंक वोटर आइडी कार्ड बरामद किए।
पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ विदेशी अधिनियम सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने इन्हें शरण देने और इनके फर्जी दस्तावेज बनवाने वाले आठ भारतीय नागरिकों पर भी केस दर्ज किया है। इन भारतीय आरोपितों ने इन्हें फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी और किराए पर मकान भी दिलवाए।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आठ बांग्लादेशी
फर्जी दस्तावेज बनवाकर दिल्ली में रहने वाले बांग्लादेशियों में मोहम्मद ज्वेल इस्लाम, मोहम्मद आलमगीर, मोहम्मद लतीफ खान, मोहम्मद नदीम शेख, मोहम्मद मिजानुर रहमान, रबीउल, मोहम्मद रेजाउल और कमरुज्जमां शामिल हैं। इनमें मोहम्मद लतीफ कूड़ा बीनने का काम करता है। वह रिश्तेदारों के माध्यम से बांग्लादेश में पैसे भेजता है।
मोहम्मद मिजानुर रहमान स्क्रैप डीलर के रूप में काम करता है। रबीउल डिफेंस कॉलोनी के एक अस्पताल में अटेंडेंट के तौर पर काम करता है। कमरुज्जमां जोमैटो डिलीवरी ब्वाय के रूप में काम करता है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड मोहम्मद मोइनुद्दीन दिल्ली में एक कंप्यूटर की दुकान चलाता था। ये आरोपित ही फर्जी आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र सहित प्रवासियों के अन्य दस्तावेज तैयार करता था। जबकि शाहीन नाम का आरोपित प्रवाासियों को नौकरी दिलाता थ। अन्य आरोपित मनवर हुसैन और निमाई करमाकर ने बांग्लादेश में अवैध रूप से मनी पैसे भेजे।
मोहम्मद रेजाउल 2007 में आया था भारत
पुलिस जांच में सामने आया कि बांग्लादेशी ज्वेल इस्लाम और मोहम्मद आलमगीर फर्जी आधार और पैन कार्ड के साथ पिछले कई साल से दिल्ली में रह रहे थे। मोहम्मद आलमगीर ने 2007 में दिल्ली आकर फर्जी दस्तावेज बनवाकर अपने बच्चों का दाखिला भारतीय स्कूलों में भी करा लिया।
इसी तरह आरोपित मोहम्मद रेजाउल वर्ष 2000 से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहा है। उसने भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया और पिछले दो साल में 22 बार भारत और बांग्लादेश की यात्रा कर चुका है। आरोपित वर्तमान में कैब ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था। इसके अलावा कमरुज्जमां 2014 में फर्जी आईडी के साथ भारतीय डिलीवरी एजेंट के रूप में आया था।
मनी लॉन्ड्रिंग कर हवाला के जरिए भेजते हैं पैसा
ये लोग बांग्लादेशी में पैसा भेजने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे थे। पहले पैसे को भारतीय बैंक खातों में जमा करते थे। फिर यूपीआइ के माध्यम से सीमा एजेंटों को ट्रांसफर कर देते थे। फिर हवाला के जरिए पैसा प्रवासियों के बांग्लादेश में रहने वाले परिवारों को दिया जाता था। आरोपित दिल्ली में शरण लेने के लिए अधिकतर अपने पुराने रिश्तेदारों के पास पहुंचते थे। फिर यहां उन्हें कम वेतन की वजह से काम भी मिल जाता था।
नौकरी सहित अन्य सुविधा देने वाले भारतीय आरोपित
अवैध प्रवासियों को नौकरी सहित अन्य सुविधा मुहैया कराने वाले आठ भारतीयों को भी दबोचा है। इनमें बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज बनाने वाला निजामुद्दीन निवासी मोहम्मद मोइनुद्दीन, नौकरी दिलाने वाला मोहम्मद शाहीन, आधार कार्ड बनवाने वाला जुल्फिकार अंसारी, जावेद, फरमान खान, प्रवासियों के रिश्तेदारों को पैसा भेजने वाला मनवर हुसैन, निमाई कर्माकर और गौरंगा दत्ता शामिल है।
🛂Delhi Police @CrimeBranchDP arrested illegal Bangladeshi immigrants and their Indian facilitator.
🛂The syndicate was actively involved in trafficking Bangladeshi nationals to India facilitating their illegal settlement in Delhi/NCR using forged documents.
🛂Police team… pic.twitter.com/iqQwFZgvED
— Delhi Police (@DelhiPolice) March 21, 2025