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Monday, September 15, 2025
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मणिपुर के भाजपा मामलों के पार्टी प्रभारी संबित पात्रा ने की पार्टी विधायकों के साथ बैठक

इंफाल, (वेब वार्ता)। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मामलों के प्रभारी संबित पात्रा ने आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को यहां एक होटल में कुछ भाजपा विधायकों के साथ बंद कमरे में बैठक की। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों के अनुसार पात्रा ने कम से कम तीन ऐसे विधायकों के साथ बैठक की, जो सिंह के साथ अपने तनावपूर्ण संबंधों के लिए जाने जाते हैं।

सूत्रों का कहना है कि इन भाजपा विधायकों के अगले 48 घंटों में राज्य में या अन्यत्र और बैठकें करने की उम्मीद है।

इस बीच, राज्य की राजधानी खासकर संजेनथोंग, सिंगजामेई, मोइरांगखोम, कीसंपत और कांगला गेट जैसे संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मेघचंद्रा ने सिंह के इस्तीफे का स्वागत किया लेकिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के किसी भी कदम का विरोध किया।

मेघचंद्रा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कांग्रेस नया नेता और नई सरकार चाहती है। हम राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की किसी भी योजना का विरोध करते हैं क्योंकि केंद्र सरकार को जनादेश का सम्मान करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सिंह को पता था कि विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव में उनकी हार होगी। उन्हें बहुत पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। यह उनकी प्रशासनिक विफलता है, जिसने राज्य को संकट में धकेल दिया है।’’

सोमवार से शुरू होने वाला राज्य विधानसभा का बजट सत्र रविवार रात को सिंह के इस्तीफे के बाद रद्द कर दिया गया। विपक्ष ने सत्र के दौरान सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई थी।

राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर भाजपा में मची खींचतान के बीच सिंह ने रविवार को राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

राज्यपाल ने सिंह के साथ-साथ उनके मंत्रिपरिषद का इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया और अनुरोध किया कि वैकल्पिक व्यवस्था होने तक वह पद पर बने रहें।

यह घटनाक्रम सिंह के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद दिल्ली से लौटने के कुछ घंटों बाद हुआ।

सिंह जातीय हिंसा प्रभावित राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की विपक्ष की मांग को खारिज कर रहे थे, जहां 21 महीने पहले मई 2023 में संकट शुरू हुआ था।

मई 2023 में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हैं।

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वेब वार्ता समाचार एजेंसी

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