Friday, March 14, 2025
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महाकुम्भ का विरोध करने वालों से बेहतर है हमारी इकॉनमिक्सः योगी

लखनऊ, (वेब वार्ता)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि अपनी संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देकर किस तरह देश की एकता और आर्थिकी को प्रोत्साहित किया जा सकता है, यह महाकुम्भ के अवसर पर सहज ही अनुभव किया जा सकता है।

उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अयोध्या, काशी और प्रयागराज में जिस प्रकार श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है, उसने भारतीय संस्कृति को नई पहचान तो दी ही है, अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बूस्ट दिया है। अयोध्या, काशी और प्रयागराज ने भारत के पोटेंशियल को दर्शाया है।

महाराष्ट्र से आये युवा उद्यमियों से संवाद करते हुये उन्होने कहा “ महाकुम्भ का विरोध करने वालों से हमारी इकॉनमिक्स बेहतर है।” उन्होंने उद्यमियों से पूछा कि अगर केंद्र व राज्य की तरफ से मिलकर 7500 करोड़ रुपये खर्च करके अर्थव्यवस्था में तीन से साढ़े तीन लाख की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है तो कौन सा सौदा सही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या, प्रयागराज, काशी, चित्रकूट, गोरखपुर, नैमिषारण्य में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है। अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण, इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम के दौरान यह लोग विरोध कर रहे थे, लेकिन जब सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति से निर्णय लिया तो रिजल्ट सामने है। एक वर्ष में रामजन्मभूमि मंदिर में 700 करोड़ का चढ़ावा आया। इन लोगों को अब यह भी बुरा लगेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ में अब तक 53 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की पावन डुबकी लगा चुके हैं। अगले 9 दिन तक यह उत्सव इसी रूप में चलेगा। यही भारत की पोटेंशियल है। भारत की आस्था को यदि सम्मान दिया गया होता तो भारत और भी ऊंचाइयों को प्राप्त किया होता। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि आप सभी को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि, प्रयागराज, काशी समेत कई स्थलों को देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा। वर्तमान में देश-दुनिया से श्रद्धालु तीनों स्थानों पर आकर भारत की आस्था को दुनिया के सामने भी दिखाकर अपनी ताकत का अहसास भी करा रहे हैं।

उन्होने कहा किदेश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य यूपी में 25 करोड़ की आबादी निवास करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में पिछले 10 वर्ष के अंदर पहली बार देश की आस्था को सम्मान प्राप्त हुआ। उन्होंने भारत के इस पोटेंशियल को पहचाना। उन स्थलों को फिर से मान्यता प्राप्त हुई, जिनके लिए भारत जाना जाता था। 500 वर्ष का इंतजार समाप्त हुआ और रामलला विराजमान हुए। 2016-17 में यूपी में जब भाजपा सरकार नहीं थी, तब यहां श्रद्धालुओं की संख्या महज 2.35 लाख हुआ करती थी, 2024 में यह संख्या बढ़कर लगभग 14-15 करोड़ से अधिक रही। उन्होने कहा कि अयोध्या के विकास के लिए जो कुछ भी हो रहा है, वह श्रद्धालुओं के सहयोग का परिणाम है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम बनने के पहले काशी में भी श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम थी, आज काफी अधिक हो चुकी है। परसो काशी में स्थानीय लोगों से बात की तो मुझे बताया गया कि काशी में इतनी भीड़ कभी नहीं देखी, जितनी पिछले डेढ़ महीने से देख रहे हैं। 2013 में प्रयागराज कुम्भ में 55 दिन के आयोजन में 12 करोड़ श्रद्धालु आए थे। 2019 में अर्धकुम्भ को हमने कुम्भ के रूप में आयोजित किया, तब लगभग 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे। इस बार प्रयागराज महाकुम्भ में 45 दिन के आयोजन में बीते 36 दिन में 53 करोड़ श्रद्धालु आ चुके हैं।

योगी ने कहा कि 35 दिन के अंदर 40 रूटीन के साथ फ्लाइट के साथ ही 700 से अधिक चार्टर उतरे हैं। रेलवे को प्रतिदिन सैकड़ों मेला स्पेशल रेल चलानी पड़ रही है। परिवहन निगम की 14 हजार बसों का बेड़ा चल रहा है। उन्होंने बताया कि 28 से 30 जनवरी तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। 28 को लगभग साढ़े पांच करोड़, 29 जनवरी को लगभग आठ करोड़ व 30 जनवरी को ढाई करोड़ श्रद्धालु आए थे। केंद्र व राज्य सरकार ने अपने स्तर पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराईं। इंफ्रास्ट्रक्चर-कनेक्टिविटी अच्छी हो, मेले का विस्तार हो, संगम में जल की प्रचुर मात्रा हो। इस पर पहले से एक्सरसाइज की गई। अंततः सारी व्यवस्थाओं व कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में हमें सफलता प्राप्त हुई।

मुख्यमंत्री ने बताया कि आज सुबह 8 बजे तक 40 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। अभी दिन भर यह कार्यक्रम चलेगा। सीएम ने कहा कि आस्था को सम्मान देने के साथ इसका इकॉनमिक ऑस्पेक्ट भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एक निवेशक प्रयागराज में निवेश करना चाहते थे। उन्होंने बताया कि आस्था के अनुरूप द्वादश ज्योर्तिलिंग की रिप्लिका बनाएंगे। उनसे कहा गया कि रॉ मटेरियल (पुराना लोहा, फाइबर, टायर, स्टील) का इस्तेमाल करते हुए इसे बनाओ।

उन्होंने कहा कि पैसा मैं लगाऊंगा, प्रॉफिट 50-50 होगा। इसके लिए नगर निगम ने 11 एकड़ लैंड भी उपलब्ध कराई। जनवरी प्रथम सप्ताह में मैंने इसका उद्घाटन भी किया। उस संस्था ने 14 करोड़ रुपये लगाया। महज 21 दिन में मूलधन व इतना ही मुनाफा कमाया। फिर नगर निगम को भी प्रॉफिट दिया। शिवालिक पार्क का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्प्रिचुअल टूरिज्म में संभव है, जो प्रयागराज में एक जगह में ही संभव हुआ है। लाखों लोगों को कार्य मिला, उनकी आमदनी बढ़ी। यह यूपी की आमदनी के साथ बढ़ने जा रही है। सीएम ने कहा कि अनुमान है कि स्नानार्थियों की संख्या 60 करोड़ तक पहुंचती है तो यूपी की जीडीपी में सवा तीन से साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी होने वाली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आस्था को मान लिया कि इसमें ताकत नहीं है, लिहाजा दुष्परिणाम भुगतना पड़ा। गुलामी कालखंड में यह बात मन में डाली गई कि भारतीय को कमतर करके आंकों, उसे महत्वहीन कर दो। जो भारत का है, उसका नहीं, बल्कि भारत के बाहर का महत्व है, लेकिन मोदी जी ने पहली बार भारतवासियों को अहसास कराया कि देश से जुड़े जीवन मूल्यों, आस्था व प्रोडक्ट को महत्व देकर हम स्वयं की महत्ता को बढ़ा सकते हैं। दूसरों की उपलब्धियों की बजाय पूर्वजों की विरासत पर गौरव की अनुभूति करेंगे तो दुनिया को बहुत कुछ दे पाएंगे। आज प्रयागराज वही कर रहा है। प्रयागराज, काशी व अयोध्या ने अपना स्केल व पोटेंशियल बताया। अनेक लोगों को रोजगार मिला तो कइयों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिली।

उन्होने कहा कि कभी भारत के बाजार विदेशी सामानों से भरे पड़े होते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से 2018 में हमने ओडीओपी योजना लागू की। यूपी के परंपरागत एमएसएमई सेक्टर के प्रोडक्ट की मैपिंग की। हर जिले के प्रोडक्ट को आइडेंटिफाई किया। हमने डिजाइनिंग, पैकेजिंग, टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग में मदद की तो हमारा एक्सपोर्ट बढ़ा। यूपी ने देश को नया ब्रांड दे दिया। इससे लाखों लोगों को रोजगार देने में हमें सफलता मिली। होली, दीपावली आदि त्योहारों पर कभी यहां का बाजार चीन के प्रोडक्ट से पटा होता था, आज समाप्त हो गया। अब उपहार के रूप में लोग ओडीओपी का उत्पाद देते हैं। उन्होंने बताया कि 2017 में सरकार बनने के बाद मुरादाबाद गया तो वहां ब्रास आइटम से जुड़े लोगों में निराशा दिखी। यह उद्योग बंदी के कगार पर था। उनके पास हर चीज का अभाव हो रहा था, हमने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड व इंस्पेक्टर राज को नियंत्रित किया और सुविधाएं उपलब्ध कराईं। आज अकेले मुरादाबाद से 16-17 हजार करोड़ रुपये के उत्पाद एक्सपोर्ट होते हैं।

श्री योगी ने कहा कि कॉरपेट सेक्टर के महत्वपूर्ण केंद्र वाराणसी, भदोही, मीरजापुर को भी हमने डिजाइन, मार्केट से जोड़ा। एक्सपो मार्ट बनाया गया। आज वहां से 8-10 हजार करोड़ के कॉरपेट एक्सपोर्ट होते हैं। फिरोजाबाद का ग्लास पुनर्जीवित हो गया। हर जनपद क्रांतिकारी परिवर्तन से लोगों को आकर्षित कर रहा है। आज वही प्रोडक्ट हर किसी के घर में जा रहा है, लेकिन पहले इस पर ध्यान नहीं दिया गया। हमने नकल तो की, लेकिन अकल नहीं लगाई, जिससे देश-प्रदेश को परिणाम भुगतना पड़ा। आज भारत स्वयं की तकनीक पर विश्वास कर रहा है तो हर भारतीय उससे जुडऩे को तैयार हो रहा है। उस जुड़ाव का लाभ भी भारत को प्राप्त हो रहा है।

उन्होने कहा कि यूपी ने पिछले आठ वर्ष के अंदर काफी प्रगति की है। यूपी ने अनेक रिफॉर्म भी किए। यूपी के प्रति बदली धारणा, निवेश प्रस्तावों, सुरक्षा व कानून व्यवस्था की बेहतरीन स्थिति है। पीएम मोदी की अपेक्षा पर खरा उतरने के लिए हर कदम उठाए। प्रदेश निवेश के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में उभरे, इसके लिए सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म व लैंड बैंक दिया। हर स्तर पर मॉनीटरिंग के मैकेनिज्म को मजबूत किया। अब हर कोई यूपी में निवेश करना चाहता है। यहां निवेश, पुलिस के आधुनिकीकरण, इंफ्रास्ट्रक्चर समेत अलग-अलग सेक्टर में काम हुआ है।

श्री योगी ने कहा कि 57000 ग्राम पंचायतों में हर गांव में पांच से छह रोजगार का सृजन किया। साफ-सफाई से लेकर बैंकिंग, कंप्यूटर ऑपरेटर से लेकर ट्यूबवेल ऑपरेटर तक का कार्य ग्रामीणों को दिया गया। गांव आज आत्मनिर्भर हो रहे हैं। 65-70 फीसदी आबादी अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। शहरीकरण हमारे यहां काफी देर से प्रारंभ हुआ। यूपी के पास देश के काफी महानगर हुआ करते थे, लेकिन समय के अनुरूप माहौल न होने के कारण एक समय ऐसा आया कि जब व्यवस्था ठप सी हो गई, लेकिन आज यूपी के महानगर नई दूरी तय करने के लिए उतावले दिख रहे। अर्बनाइजेशन बढ़ा तो सुविधाएं दोगुनी गति से बढ़ाई गईं। इसके लिए सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए।

उन्होने कहा कि कुम्भ पहले मात्र हजार एकड़ क्षेत्रफल में होता था। 2013 में दो हजार, इस बार हमने उसे बढ़ाकर 10 हजार एकड़ क्षेत्रफल में फैलाया। आरोप-प्रत्यारोप करने वाले लोग कहते थे कि पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। हमने कुम्भ के आयोजन में इंफ्रास्ट्रक्चर पर साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 14 नए फ्लाईओवर, छह अंडरपास, 200 से अधिक सड़कें चौड़ी हुईं, नए कॉरिडोर, नए घाट का निर्माण रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का विस्तारीकरण आदि पर अधिक खर्च हुआ। कुम्भ मेले की व्यवस्था की दृष्टि से हमने 1500 करोड़ रुपये रखे थे। अब वही लोग कहते हैं कि आपने इतने कम जगह में आयोजन क्यों किया, तब हमने बताया कि तुम्हारी सोच से 10 गुना बढा़कर आयोजन किया। इनके नए और पुराने बयान देखकर हंसी आएगी।

योगी ने बताया कि प्रयागराज में रेलवे ने 9 स्टेशन का विस्तारीकरण किया। प्रतिदिन पांच से सात लाख यात्री रेल से आ रहे हैं। ईमानदारी व समयबद्ध होकर से कदम बढ़ाते हैं तो रिजल्ट वैसे ही आते हैं। उन्होंने कहा कि यूपी के तीन-चार महानगरों के अंदर आ रहे पर्यटकों की आस्था का सम्मान भारत व भारतीयता का सम्मान है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्यमियों से कहा कि एक बार अयोध्या की भीड़ के बीच से जाकर उत्साह व मस्ती देखें। सरयू जी में डुबकी व रामलला का दर्शन अविस्मरणीय होगा। प्रयागराज में भी हर जगह से श्रद्धालु आ रहा है। संगम में डुबकी लगाकर जन्म-जीवन धन्य हो रहा है। सीएम ने उद्यमियों से अनुरोध किया कि अक्षयवट कॉरिडोर, लेटे हनुमान जी, सरस्वती कूप, शिवालिक पार्क का दर्शन करें और महाकुम्भ के बाद फिर से कार्यक्रम बनाएं।

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