देहरादून (उत्तराखंड ), (वेब वार्ता)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में स्थित मुख्य सेवक सदन में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं का शुभारंभ किया।
इनमें शामिल हैं —
डिजिटल उत्तराखण्ड एप लॉन्चिंग
S3Waas प्लेटफॉर्म आधारित 66 सरकारी वेबसाइटें
नगरीय क्षेत्र में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की रियल-टाइम ट्रैकिंग के लिए जीआईएस आधारित वेब ऐप
1905 सीएम हेल्पलाइन में एआई के अनुप्रयोग नवाचार
अतिक्रमण की निगरानी के लिए वेब आधारित एप्लीकेशन
“हिल से हाइटेक” मंत्र पर कार्य
मुख्यमंत्री धामी ने कहा —
“उत्तराखण्ड सुंदर पहाड़ी राज्य होने के साथ ही तकनीकी रूप से दक्ष राज्य के रूप में आगे बढ़े, इसके लिए राज्य सरकार ‘हिल से हाइटेक’ के मंत्र पर कार्य कर रही है।”
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की गई है, जो शासन व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाएंगी और विभिन्न सेवाओं में गति एवं पारदर्शिता भी लाएंगी।
डिजिटल इंडिया से प्रेरित पहलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया अभियान के माध्यम से प्रौद्योगिकी और नवाचार का विस्तार हुआ है।
“डिजिटल उत्तराखण्ड” एप से लोग घर बैठे अनेक सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।
यह एप प्रधानमंत्री के ‘मिनिमम गवर्नमेंट – मैक्सिमम गवर्नेंस’ के मंत्र को साकार करेगा।
सेवाओं को एकीकृत, सरल और सुलभ बनाया जाएगा और विभिन्न गतिविधियों की मॉनिटरिंग आसान होगी।
S3Waas प्लेटफॉर्म और अन्य तकनीकी नवाचार
S3Waas प्लेटफॉर्म आधारित 66 वेबसाइटें विभागीय जानकारी को सुरक्षित, त्वरित और पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुंचाएंगी।
जीआईएस आधारित वेब ऐप से शहरी क्षेत्रों में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग होगी।
अतिक्रमण रोकथाम वेब ऐप में नागरिक तस्वीर या वीडियो अपलोड कर सकेंगे, जिस पर विभाग तुरंत जांच कर कार्यवाही करेगा।
पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा।
1905 सीएम हेल्पलाइन में एआई का इस्तेमाल
मुख्यमंत्री ने बताया —
1905 सीएम हेल्पलाइन नागरिकों और सरकार के बीच संवाद का महत्वपूर्ण माध्यम है।
इसमें एआई आधारित सुविधाएं जोड़ी गई हैं, जैसे शिकायतों का ऑटो-केटेगराइजेशन, त्वरित समाधान, और फॉलो-अप मॉनिटरिंग।
ई-गवर्नेंस और डिजिटल सेवाएं
राज्य में —
ऑनलाइन शिक्षा, ई-स्वास्थ्य सेवा और भूलेख डिजिटलीकरण को प्राथमिकता दी जा रही है।
ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल और सीएम डैशबोर्ड से लोग घर बैठे सरकारी सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म का विस्तार हो रहा है।
दूरस्थ क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन और ई-संजीवनी से विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह मिल रही है।
“अपणी सरकार” पोर्टल से 886 सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
लगभग 95% गांवों में दूरसंचार कनेक्टिविटी पहुंच चुकी है।
मुख्यमंत्री घोषणाएं
नेक्स्ट-जनरेशन डेटा सेंटर स्थापित होगा, जिसमें डिजास्टर रिकवरी के लिए अलग मैकेनिज्म होगा।
“एआई मिशन” प्रारंभ किया जाएगा, जिसे “एक्सीलेंस सेंटर” के रूप में विकसित किया जाएगा।
नेक्स्ट-जनरेशन रिमोट सेंसिंग एवं ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर का विकास होगा।
राज्य में विशिष्ट आईटी कैडर स्थापित करने के प्रयास होंगे।
कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोग
विधायक खजानदास, प्रमुख सचिव एल. फैनई, सचिव नितेश झा, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, नीरज खेरवाल, डॉ. वी. षणमुगम, श्रीधर बाबू अदांकी, महानिदेशक यू-कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, निदेशक आईटी गौरव कुमार (वर्चुअल माध्यम), नगर आयुक्त देहरादून नमामि बंसल, और संबंधित विभागों के अपर सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।